आगरा , अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) डा0 प्रभाकान्त अवस्थी ने अवगत कराया है कि आगरा महानगर कोविड-19 रोग के फैलाव से संकटग्रस्त है, जोकि खतरनाक महामारी है। उ0प्र0 शासन द्वारा प्रख्यापित महामारी अधिनियम- 1897 (अधिनियम संख्या- 3 सन् 1897) की धारा-2 के अन्तर्गत अधिसूचित नियमावली में दिये गये उपबन्धों को लागू किया जाना व इसके अतिरिक्त आगरा महानगर में आगामी माहों में होने वाले विभिन्न धार्मिक पर्वो यथा- श्री कैलाश मेला, ईदुज्जुहा (बकरीद), रक्षाबन्धन (भैयादूज), जन्माष्टमी व स्वतन्त्रता दिवस तथा वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत् सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने, उ0प्र0, लोक सेवा आयोग तथा क्षेत्रीय निदेशक, कर्मचारी चयन आयोग, प्रयागराज, उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ व अन्य द्वारा संचालित प्रतियोगी परीक्षाओं, नागरिकता संशोधन अधिनियम एवं अन्य परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए विश्वस्त् सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इस अवसर कुछ असामाजिक तत्व आगरा महानगर की शान्ति व्यवस्था भंग करने का प्रयास कर सकते है एवं जनभावना को उद्धेलित करके भड़का सकते है, जिससे शान्ति व्यवस्था भंग हो सकती है, ऐसे अवसर पर कतिपय आपराधिक एवं निहित स्वार्थो से प्रेरित असामाजिक तत्व परीक्षा के दौरान शान्ति व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ सकते है। इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए तथा आम जनजीवन एवं सार्वजनिक सम्पत्तियों की सुरक्षा करने व शान्ति व्यवस्था स्थापित रखने हेतु तत्काल प्रभाव से निरोधात्मक कार्यवाही किया जाना अपरिहार्य हो गया है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) ने आगरा महानगर में आगामी माहों में होने वाले विभिन्न धार्मिक पर्व एवं स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने हेतु आगरा महानगर में धारा-144 दिनांक 28 जून से 24 अगस्त 2020 तक लागू कर दी है। उन्होंने बताया है कि कोई भी व्यक्ति/संस्था/संगठन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश की पूर्व अनुज्ञा के बिना कोविड-19 के सम्बन्ध में सूचना हेतु किसी मुद्रण, इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करेगा। यह कोविड- 19 के सम्बन्ध में किसी अफवाह या अप्रमाणिक सूचना के प्रसार के रोकने के लिए है। यदि कोई व्यक्ति/संस्था/ संगठन ऐसी गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो इसे इस विनियमावली के अधीन दण्डनीय अपराध के रूप में माना जायेगा। ऐसे किसी देश या क्षेत्र जहाँ से कोविड-19 के सम्बन्ध में सूचना प्रदान की गयी हो, में गत् 14 दिवसों में यात्रा की इतिवृत्ति सहित किसी व्यक्ति को निकटतम सरकारी चिकित्सालय को सूचित करना या जिला नियंत्रण कक्षों की शुल्क मुक्त हेत्पलाइन संख्या- 1800-180-5145/0522-223006/ 0522-2230009/0522/2616482 पर काल करना आवश्यक होगा, ताकि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आवश्यक उपाय यदि अपेक्षित हों, किये जा सकें। ऐसे किसी देश या क्षेत्र जहाँ से कोविड-19 के सम्बन्ध में सूचना गत् 14 दिवसों में प्राप्त की गयी हो, में यात्रा की इतिवृत्ति वाले समस्त व्यक्तियों जिनमे खांसी, बुखार या श्वसन में कठिनाई का कोई लक्षण न हो, स्वयं को पृथक रखना चाहिए और मुख तथा नाक को मास्क से ढकना चाहिए। ऐसे क्षेत्रों से आगमन किये जाने के दिनांक से 14 दिवसों के लिए पारिवारिक सदस्यों सहित किसी व्यक्ति के सम्पर्क से बचने की सावधानी बरतनी अतिआवश्यक है। इस विनियमावली के प्रस्तर-3 के अनुसार प्राधिकृत व्यक्ति ऐसे किसी विनिर्दिष्ट क्षेत्र, जहां कोविड-19 महामारी हो, की यात्रा का इतिवृत्ति हो और सम्बन्धित व्यक्ति लाक्षणिक हो, को भर्ती करने और पृथक करने के लिए प्राधिकृत है। यदि कोविड-19 के मामले का संदिग्ध व्यक्ति भर्ती या पृथककरण के लिए इन्कार करता है तो इस विनियमावली के प्रस्तर- 3 में प्राधिकृत अधिकारी के पास यह शक्ति होगी कि वह ऐसे मामले के व्यक्ति को लक्षणों के प्रकट होने के 14 दिवसों की अवधि के लिए अथवा प्रयोगशाला परीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त होने तक अथवा ऐसी आवश्यक अवधि तक के लिए बलपूर्वक भर्ती तथा पृथककृत करें। यदि कोविड-19 के मामले के सम्बन्ध में सूचना, किसी निश्चित् भौगालिक क्षेत्र यथा- ग्राम, कस्बा, वार्ड कालोनी, बस्ती से प्राप्त हो तो सम्बन्धित जिला के जिला प्रशासन के पास यह अधिकार होगा कि वह उक्त रोग के फैलाव को रोकने के क्रम में रोकथाम के उपायों को क्रियान्वित करें, किन्तु इन्हीं तक सीमित न रहे यथा- भौगोलिक क्षेत्र को सील किया जाना, प्रभावित क्षेत्र से जनसंख्या के प्रवेश और निकास पर प्रतिबन्ध लगाया जाना, विद्यालयों, कार्यालयों को बन्द किया जाना और सार्वजनिक भीड़ पर प्रतिबन्ध लगाया जाना, क्षेत्र में वाहनों के संचालन को रोका जाना, भारत सरकार के समुदाय आधारित संपर्क अनुरंखण क्रियान्वय सम्बन्धी मार्गदर्शी सिद्वान्त के अनुसार कोविड-19 के मामले में सक्रिय और असक्रिय निगरानी प्रारम्भ करना, समस्त संदिग्ध मामलों के व्यक्तियों को चिकित्सालय में पृथक करना, संदिग्ध मामलों के व्यक्तियों के पृथककरण के लिए संरोधन इकाई के रूप में किसी सरकारी/निजि भवन को अभिहित करना, समस्त सरकारी विभागों के कर्मचारिवृन्द संरोधन उपायों के कर्तव्य निर्वहन के लिए सम्बन्धित क्षेत्र के जिला प्रशासन के निवर्तन पर होंगें तथा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा यथा निर्देशित कोई अन्य उपाय।
अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) ने बताया है कि इस विनियमावली के किसी उपबन्ध का उल्लंघन करते हुए पाया गया कोई व्यक्ति/संस्था/संगठन भारतीय दण्ड संहिता (अधिनियम संख्या-45 सन् 1860) की धारा 188 के अधीन दण्डनीय कोई अपराध किया गया समझा जायेगा। जनपद में पतंग उड़ाने हेतु सिंथेटिक मांझा/सीसा लेपित/नॉयलॉन पतंग डोरी एवं चायनिज मांझे के निर्माण, भण्डारण, उपयोग एवं बिक्री पर प्रतिबन्ध रहेगा। पाँच या उससे अधिक व्यक्तियों का समूह बिना पूर्वानुमति प्राप्त किये किसी सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित नही होंगे। किसी प्रकार का प्रदर्शन, कोई झॉकी अनुमति बिना जुलूस आदि नही करेंगे और न ही निकालेंगें, किन्तु यह प्रतिबन्ध कोरोना वायरस की रोकथाम में लगे अस्पतालों/कार्य स्थलों पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति, किसी प्रकार का आग्नेयास्त्र, लाठी, बल्लम व कोई अन्य खतरनाक हथियार या वस्तु लेकर नही चलेगा और न ही किसी को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति, किसी स्थान पर ईंट, पत्थर, रोड़ा, सोडावाटर की बोतल या अन्य कोई ऐसी वस्तु एकत्रित नही करेगा, जिसको चलाकर अथवा फेंक कर किसी को चोट पहुंचाई जा सकें और न ही किसी को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति, कोई ऐसा पर्चा/ पम्पलेट आदि न तो प्रकाशित करायेगा न ही वितरित करेगा, जिसमें धार्मिक उन्माद अथवा साम्प्रदायिक जातिगत् विवादों जैसी आपत्तिजनक बातों का प्रयोग किया गया हो और उसका शान्ति एवं कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना है। कोई भी व्यक्ति, किसी प्रकार की अफवाह न तो फैलाएगा और न ही फैलाने के लिए किसी को प्रेरित करेगा। आवागमन सुचारू रखने हेतु कोई भी दुकानदार अपनी दुकान के सामने कोई सामान नही रखेगा और न ही कोई ठेला अथवा फड़ लगायेगा, जिससे आवागमन/यातायात व्यवस्था बाधित न हो प्रत्येक स्थिति में यातायात नियमों का पालन किया जायेगा। उक्त अवधि में सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित रहेगें। कोई भी व्यक्ति बिना मास्क एवं फेस कवर के घर से बाहर नहीं निकलेगा तथा दो गज की सामाजिक दूरी बनाये रखेगा। कोई भी व्यक्ति, किसी भी सार्वजनिक मार्ग पर न तो जाम लगायेगा और न ही अन्य किसी को जाम लगाने हेतु प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति, सार्वजनिक स्थान पर मदिरा या मादक पदार्थ का सेवन करके विचरण नही करेगा। कोई भी पेट्रोल पम्प संचालक बिना नम्बर के किसी भी वाहन को पेट्रोल पम्प से ईधन नही देगा। कोई भी विभाग, पार्किंग ठेकेदार, दुकानदार, शापिंग माल, सिनेमाघर, सार्वजनिक परिसर एवं व्यवसायिक परिसर में बिना नम्बर के किसी भी वाहन को खड़ा नहीं होने देगा, खड़े पाये जाने पर तत्काल सम्बन्धित थाने को सूचना देने में चूक नही करेगा। कोई भी परीक्षार्थी/व्यक्ति परीक्षा केन्द्र के अन्दर मोबाईल फोन, पेजर इत्यादि इलैक्ट्रोनिक सामान नहीं ले जायेगा। इसी प्रकार किसी प्रकार के कागज, कापी, किताब, नोट्स आदि परीक्षा के अन्दर नहीं लें जायेगा। परीक्षा केन्द्रों के संचालन करने अथवा परीक्षा केन्द्रों के निरीक्षण करने हेतु अधिकृत व्यक्तियों अथवा परीक्षा संचालन हेतु ड्यूटी पर तैनात व्यक्तियों के अलावा कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्र से 200 मीटर की परिधि में नही जायेगा तथा परीक्षाओं के संचालन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेगा और उक्त के अलावा कोई व्यक्ति परीक्षा की तिथियों में प्रातः से सायं तक परीक्षा केन्द्रों के अन्दर प्रवेश नहीं करेगा तथा परीक्षा केन्द्र के आस-पास फोटोस्टेट की दुकाने बन्द रहेंगी। प्रत्येक व्यक्ति अन-लॉक डाउन के निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करेगा। कोई भी व्यक्ति आगरा महानगर में किसी सार्वजनिक स्थान पर लाउडस्पीकर, लाउडस्पीकरों की साउण्ड प्रतियोगिता एवं ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का बिना सक्षम मजिस्ट्रेट की अनुमति के प्रयोग नहीं करेगा। यह आदेश आगरा महानगर के लिये उनके अतिरिक्त अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में नगर मजिस्ट्रेट एवं समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट अनुमति देने के लिये सक्षम होगें।
अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि 28 जून से 24 अगस्त 2020 तक धारा 144 आगरा महानगर में लागू रहेगा। धारा का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा तथा उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी