फसलों को नहीं हुआ खास नुकसान; राजस्थान के कुछ जिलों में फसलों को हुआ मामूली नुकसान
टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) ने 11 अप्रैल, 2020 से 2 जुलाई,2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों के 1,32,777 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया गया। एलसीओ द्वारा 2-3 जुलाई, 2020 की रात में राजस्थान के 7 जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर, जयपुर और अलवर के 19 स्थानों पर तथा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के 2 स्थानों पर नियंत्रण अभियान का संचालन किया गया।
राज्य सरकारें भी इस क्रम में टिड्डी नियंत्रण अभियान चला रही हैं। राज्य सरकारों के द्वारा 2 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार में 1,13,003 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया गया। राजस्थान के राज्य कृषि विभाग ने 2-3 जुलाई, 2020 की रात को करौली, सवाई माधोपुर, पाली और ढोलपुर जिलों के 4 स्थानों पर टिड्डियों के छोटे समूहों और छितरी हुई आबादी पर नियंत्रण कार्रवाई की।
देचू-जोधपुर, राजस्थान में टिड्डी नियंत्रण अभियान
शेरगढ़- जोधपुर, राजस्थान में एक ड्रोन का परिचालन
वर्तमान में स्प्रे वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दल राजस्थान, गुजरात,मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में तैनात कर दिए गए हैं; टिड्डी नियंत्रण अभियान में केन्द्र सरकार के 200 से ज्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं। इसके अलावा,राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर,नागौर और फलोदी में ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों में कीटनाशकों के छिड़काव से टिड्डी दल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 12 ड्रोन के साथ पांच कंपनियों को तैनात कर दिया गया है।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि राजस्थान के कुछ जिलों को मामूली नुकसान दर्ज किया है।
आज(03.07.2020)को राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर, जयपुर और अलवर में और मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ क्षेत्र में छोटी गुलाबी टिड्डियों और वयस्क पीली टिड्डियों के झुंड सक्रिय हैं।
खाद्य एवं कृषि संगठन के 27.06.2020 के टिड्डी स्टेटस अपडेट के अनुसार, उत्तरी सोमालिया में जमा झुंडों के भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों का रुख करने का अनुमान है। पाकिस्तान में भारतीय सीमा से सटे सिंध क्षेत्र में ये झुंड अंडे देने की शुरुआत कर चुके हैं, वहीं खैबर पख्तूनवा में कुछ फुदकने वाले झुंड तैयार हो रहे हैं। भारत में, कुछ अपरिपक्व वयस्कों के छोटे समूह उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों का रुख कर चुके हैं और उनके ज्यादा नुकसान पहुंचाए बिना आगे बढ़ने का अनुमान है।
एफएओ द्वारा दक्षिण पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) के तकनीक अधिकारियों की आभासी बैठकें साप्ताहिक आधार आयोजित की जा रही हैं। दक्षिण पश्चिमी एशियाई देशों के तकनीक अधिकारियों की अभी तक 15 आभासी बैठक हो चुकी हैं।