प्रति दस लाख पर सक्रिय मामलों की तुलना में प्रति दस लाख पर ठीक होने वाले लोगों की संख्या, इस बीमारी से जुड़ी स्थिति में एक बड़े सुधार को दर्शाती है
नई दिल्ली, केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें कोविड-19 महामारी का प्रभावी प्रबंधन करने के लिए “जांच, खोज, उपचार” रणनीति का पालन कर रही हैं।
भारत में, कोविड-19 के उच्च मामले वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सकारात्मक मामलों की प्रारंभिक रूप से पहचान करने और उसका प्रभावी नैदानिक प्रबंधन करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रति दस लाख पर सक्रिय मामलों की तुलना में प्रति दस लाख पर ठीक होने वाले लोगों की संख्या अधिक हो। यह दर्शाता है कि भले ही सकारात्मक मामलों की कुल संख्या ज्यादा हो है लेकिन ठीक होने वाले मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आ रही है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि कोविड स्वास्थ्य सुविधाएं किसी तरह से प्रभावित न हो और सुविधाओं में किसी तरह की कमी नहीं आये।
भारत में प्रति दस लाख पर ठीक होने वाले मामले 315.8 हैं जबकि प्रति दस लाख पर सक्रिय मामलों की संख्या 186.3 के निम्न स्तर पर है।
राज्यों द्वारा आरटी-पीसीआर टेस्ट, रैपिड एंटीजन टेस्ट करके परीक्षण में बढ़ोतरी करने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया जा रहा है, जिससे मामलों की जल्द पहचान करने में मदद मिल रही है। राज्यों में स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना में वृद्धि होने के कारण, सकारात्मक मामलों का वितरण समर्पित कोविड अस्पतालों, कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और कोविड देखभाल केंद्रों सहित विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं में किया जा सका है। इसके कारण प्रभावी उपचार के साथ-साथ इन मामलों में मृत्यु दर में कमी लाना सुनिश्चित किया जा रहा है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में, समर्पित कोविड सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के कारण, गंभीर रोगियों को पहले चिकित्सा देना और उपचार को सुनिश्चित किया गया है।
परीक्षण के साथ-साथ संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाना और घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया गया है, विशेष रूप से नियंत्रित क्षेत्रों में। राज्यों को विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि कम से 80 प्रतिशत नए सकारात्मक मामलों में, 72 घंटे के अंदर उनके संपर्कों का पता लगाया जाए और सकारात्मक मामलों की पुष्टि के बाद उन्हें क्वारंटाइन कर दिया जाए। राज्यों द्वारा वरिष्ठ और बुजुर्ग नागरिकों, सह-रुग्णता वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों सहित उच्च जोखिम रखने वाले लोगों को ट्रैक करने के लिए कई प्रकार के मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं। स्थानीय सरकार में समुदाय, आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की भागीदारी होने के कारण समुदाय की प्रभावी निगरानी संभव हुई है।
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कोविड-19 पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर उपलब्ध है।