अन्यअपराध

चौकी ट्रांसपोर्ट नगर एस.आई. ने की ठेलवाले किशोर से की मारपीट समान फैंका

आगरा। कोविड 19 के ख़तरे को देखते हुए आगरा आये नोडल अधिकारी आलोक कुमार जहाँ एक तरफ ज़िले के आलाधिकारियों के साथ निरीक्षण कर लोगों को मास्क औऱ सोशलडिस्टनसिंग के पालन की जागरूकता के लिए दुकानदारों और ढकेलों पर  स्टीकर व पेम्पलेट लगाकर जागरुक करने के निर्देश दे रहे हैं।वहीं पुलिस के एक उपनिरीक्षक नोडल अधिकारी के निरीक्षण के नाम पर ग़रीब छोले की ठेल लगाने वाले 22 वर्षीय किशोर को लात मारकर औऱ थप्पड़ मारकर उसका सामान फैंककर गाली गलौच कर जेल भेजने की धमकी देकर अपनी बहादुरी का परिचय दे राहे हैं। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी से मामला चौकी ट्रांसपोर्ट नगर के अंतर्गत आने मानसिक आरोग्यशाला के समीप का है। जहां मानसिक आरोग्यशाला की भूमि पर जो सड़क और नाले के उर पार है वहाँ छोले की ठेल लगाकर अपने परिवार का भरणपोषण करता है। करीब 8 माह पूर्व कैंसर से पिता मृत्यु हो चुकी है। किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहकर बीएससी पास किशोर मानसिक आरोग्यशाला की भूमि पर छोले की ठेल लगाकर परिवार पालता है। आज को दोपहर 3 करीब चौकी टीपीनगर के एक उपनिरीक्षक साहब ने उससे ठेल हटाने के लिए कहा जिसकी कोई वजह उसे नहीं बताई गई। जब तक वो समान हटा पता 5 मिनट के अन्तराल में उपनिरीक्षक ने उससे गाली गलौच शुरू कर दी जिसमें पीड़ित के मृतक पिता और परिजनों को गाली में शामिल कर अपने पड़े लिखे क़ाबिल पुलिस सब इस्पेक्टर का प्रमाण देते हुए जेल भेजने की धमकी देते हुए ऑटो में बिठाने के बाद उतार कर चले गए। फिर पीड़ित से पूछा कितना पड़ा है तू जब उसने बोला ग्रेजुएट हूँ। इस पर उपनिरीक्षक महोदय बोले तुझे तो जेल होगी। बताते चलें पीड़ित पूर्व में 4 माह के लॉकडाउन के बाद अपनी माता के साथ जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह के समक्ष छोले की ठेल लगाने की अनुमति की लिए प्रस्तुत हुआ था। जिसको जिलाधिकारी कार्यालय से  जनसुनवाई पोर्टल पर भी इस सम्बंध में शिकायत दर्ज गई थी। जिस पर डीएम  साहब ने मौखिक तौर पर ठेल लगाने की अनुमती दी थी। उसके 7 दिन बाद से पीड़ित मानसिक आरोग्यशाला की भूमि पर ठेल लगा रहा था। कुछ समय पश्चात थाना हरीपर्वत से एक सिपाही जनसुनवाई पोर्टल की जांच आख्या औऱ उसका प्रार्थना पत्र लेकर आये और उसे बोला ठेल लगा सकते हो बस सोशलडिस्टनसिंग से दूर दूर खड़े होने की बोलते रहो। जिस पर  अमल करते हुए जागरुकता के पैम्पलेट की प्रिंट भी लगा रखे हैं। पुलिस की इस दोहरे चेहरे से पीड़ित का परिवार काफी परेशान है। पीड़ित की माता का कहना है पहले हमारा जीवनयापन का सहारा वहीं ठेल है। एक तरफ पुलिस ने बोला कि लगा सकते हो अब मेरे बेटे में साथ मारपीट की समान भी फैक दिया। हम जिलाधिकारी से पूछे कि हम क्या करे परिवार भूखा मार जाए मकान का किराया औऱ हमे खाने को क्या पुलिस देगी घर बैठे।