नूरूल इस्लाम
सहावर -कोरोना वायरस के खौफ के चलते लगाए गए साप्ताहिक लॉकडाउन के बीच सहावर ब्लाक के गांव गढका में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल देखने को मिली है। बता दें कि यहां मुस्लिम आबादी के बीच रहने वाले हिन्दू समुदाय के एक बुजुर्ग का देहान्त हो गया था। इसी बीच गांव के मुस्लिमों ने अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाते हुए, अंतिम संस्कार की सभी सामग्री को एकत्र किया,बल्कि अर्थी को कांधा देकर पूरे हिंदू रीति-रिवाज से मृतक को अंतिम विदाई भी दी। मुस्लिम समुदाय द्वारा की गई इस पहल की अब हर कोई चर्चा कर रहा है।
दरअसल यह मामला सहावर ब्लाक के मुस्लिम बाहुल्य गांव गढका का है। आपको बता दें कि गांव के ही हाजी राशिद अली ने बताया कि पन्द्रह वर्ष पूर्व गढका रेलवे स्टेशन पर 80 वर्षीय वृद्ध बाबा हरीओम पंडित मिले । जो कि काफी बीमार थे । उनकी परेशानी देख राशिद अली उन्हें अपने घर ले आए और उन्हें रहने के लिए जगह दे दी। तभी से वह वहां रह रहे थे। उनकी देखभाल व खाने पीने का इंतजाम आसपास के गांव के ही लोग कर रहे थे।आज शनिवार सुबह अचानक उनका निधन हो गया तो उनके अंतिम संस्कार करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूरा इंतजाम किया, खुद ही अपने हाथों से नहलाया, अर्थी को बनाया, पिंड लगाकर सभी मुस्लिम समाज के लोगों ने वृद्ध को कंधा देकर श्मशान भूमि पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया। वृद्ध को मुखाग्नि हाजी राशिद अली ने दी।
मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा वृद्ध का अंतिम संस्कार चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग खुलकर मुस्लिम समुदाय के उन लोगों की तारीफ कर रहे हैं, जिन्होंने पूरे रीति-रिवाज के साथ एक हिन्दू का अंतिम संस्कार किया है।