डालीगंज स्थित जमीन मोहम्मद वसीम के नाम थी। वसीम के पाकिस्तान चले जाने के बाद जमीन निष्करांत संपति में दर्ज हो गई थी। इसके बाद यह जमीन बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के लाटूश रोड निवासी लक्ष्मी नारायण और कृष्ण कुमार के नाम पर चढ़ गया। छानबीन में पता चला कि संबंधित जमीन की खतौनी को गायब कर दिया। इसके बाद मुख्तार और उसके बेटों ने सरकारी जमीन को अपने रसूख का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़े के तहत जमीन अपने नाम करवा ली और इसका नक्शा पास कराकर अवैध निर्माण करा लिया।
जिला प्रशासन की ओर से छानबीन के बाद यह जमीन को वापस निष्क्रान्त संपत्ति के तहत दर्ज कराकर दस्तावेज सही करा दिए हैं। प्रभारी लेखपाल की तहरीर पर मुख्तार और उनके बेटों के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार