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महान सूफी संत हजरत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. की दरगाह कोविटकोड से सुरक्षित

अजमेर 14 सितंबर। महान सूफी संत हजरत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. की दरगाह शरीफ की प्रबन्ध संभालने वाली दरगाह कमेटी, दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर ने दरगाह शरीफ आने वाले जाायरीन की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए परिसर को कोविटकोट से शिल्ड कवर करवाया है। इस एंटी वायरस नैनो टेक्नोलाॅजी से फायदा यह होगा की अगले 90 दिनांे के लिए परिसर पूरी तरह से कोरोना वायरस से सुरक्षित रहेगा, यदि इस दौरान परिसर को सैनिटाईज नहीं करवाया जाता है तो भी या फिर कोई कोरोना संक्रमित प्रवेश कर जाता है फिर भी परिसर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाज़िम डाॅ आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस से बचाव और निमयों की पालना करते हुए 07 सितंबर को दरगाह शरीफ को जायरीन के लिए खोला गया था, इसके बाद से ही दरगाह कमेटी का प्रयास रहा है कि परिसर को पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित रखा जाए। इसी क्रम में राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड, भारत सरकार एवं यूनाईटेड स्टेट्स की इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेन्सी द्वारा से स्वीकृत अंकरिक्ष इंजिनियरिंग फर्म जयपुर द्वारा दरगाह शरीफ में कोविटकोट करवाया गया है यह सतह पर सेल्फ डिस्इन्फक्टीव प्रोपर्टी पैदा कर देता है। जिससे वह सतह पूरी तरह से वायरस प्रुफ हो जाती है और यह सतह स्थान को हाॅट स्पाट नही बनने देती है। यह सारे उपाय सुरक्षा और सावधानी की एक कड़ी है।
यह है विशेषताः-
गौरतलब है कि कोविटकोट को राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश की रोड़वेज़ बसों, जयपुर से विद्युत भवन तक किया जा चुका है। इसकी विशेषता यह है कि पूरी तरह से नाॅन एल्कोहलिक है। इससे किसी भी तरह की एलर्जी नहीं होती है और यह आम इंसान के लिए सुरक्षित है।
“कोरोना वायरस के बचाव और सावधानी दरगाह कमेटी की पहली प्राथमिकता है, हमारा प्रयास है कि यहां आने वाला हर जायरीन नियमों की पालना करते हुए, सुरक्षित और स्वस्थ वापस अपने घरों को लौटे।”