आगरा। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर को किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद सांसद पहली बार ताजनगरी पहुंचे, सांसद राजकुमार चाहर सर्किट हाउस में पत्रकारों से मुलाक़ात की। वार्ता में सांसद चाहर ने कहा कि किसान बिल किसान का हितेषी बिल है, उन्होंने कहा कि इस बिल के प्रति लोगों को जागरूक बनाने व इसके फायदे से रूबरू कराने के लिए अभियान चलाने की ज़रूरत है।
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजकुमार चाहर ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा किसान हित में जो बिल लाया गया है उस पर कांग्रेस पार्टी ओछी राजनीति कर रही है। जिस पार्टी की अंतिम सांसे चल रही हो और जो इस समय वेंटिलेटर पर हो वो पार्टी इस बिल पर का दुष्प्रचार करके किसानों में भ्रम डालने का प्रयास कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजकुमार चाहर ने कहा कि जब लोकसभा में यह बिल लाया गया तो उस समय कांग्रेस पार्टी के साथ साथ अन्य विपक्षी दल हाउस से बाहर आ गए थे। उन्होंने हाउस में न ही इस बिल को सुना और न ही इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बल्कि इस बिल से मोदी सरकार को फायदा मिलने पर सिर्फ एक स्वर में इस बिल के विरोध में उतर आए।
सांसद राजकुमार चाहर का पंजाब में एनडीए से अकाली दल के अलग होने पर कहना था कि जब प्रकाश सिंह बादल से यह गठबंधन हुआ था तो उन्होंने साफ कहा था कि भाजपा और अकाली दल उंगली का नाखून और मांस है जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर कोई भी चीज एक दूसरे से अलग होती है उससे सिर्फ नुकसान होगा लेकिन इस बिल के आने के कुछ दिनों पहले ही अकाली दल के मंत्री ने एनडीए से इस्तीफा दिया। जबकि उन्होंने ही कहा था कि मोदी सरकार के इस किसान दिल से किसानों को फायदा पहुंचेगा। इसमें उनका निजी स्वार्थ था इसीलिए उन्होंने एनडीए का साथ छोड़ दिया।
हाथरस में एक दलित युवती के हुई दरिंदगी के पूछे गए सवाल पर उनका कहना था कि बेटी किसी की भी हो बेटी बेटी होती है। अगर बेटी के साथ कुछ गलत होता है तो उसके परिवार के साथ साथ समाज को भी नुकसान हैं। हाथरस की बेटी के साथ जो हुआ वह वास्तव में गलत था लेकिन इस घटना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत फैसले कर कुछ ठोस कदम उठाए। जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही बरती उन्हें निलंबित भी किया गया, साथ ही परिवार की पूरी तरह से मदद करने का भी आश्वासन दिया गया है।