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जम्मू-कश्मीर में अब कोई भी भारतीय खरीद सकेगा जमीन

भूमि कानून के तहत केंद्र सरकार ने जारी की महत्वपूर्ण अधिसूचना
बलवान सिंह
जम्मू, 27 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए भूमि कानून के तहत आज एक महत्वपूर्ण अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी की है। इसके बाद भारत का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में अब मकान, दुकान और कारोबार के लिए जमीन खरीद सकेगा और वहां पर बस सकेगा। फिलहाल खेती की जमीन को लेकर रोक बरकरार रहेगी।
इस आदेश को यूनियन टेरिटरी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर रिऑर्गनाइजेशन (एडॉप्शन ऑफ सेंट्रल लॉज) थर्ड ऑर्डर, 2020 के नाम से जाना जाएगा। पांच अगस्त, 2019 से पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य की अपनी एक अलग संवैधानिक व्यवस्था थी। उस व्यवस्था में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी ही राज्य में जमीन खरीद सकते थे। देश के किसी अन्य भाग का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकता था। इसके अलावा अनुच्छेद 370 व 35ए लागू होने के कारण पहले देश के बहुत सारे कानून इस राज्य में लागू नहीं होते थे। कुछ चंद कानूनों को छोड़कर अन्य कानून तभी लागू हो सकते थे, जब राज्य की विधानसभा में उन्हें मंजूरी मिल जाती थी।
यहां तक कि पश्चिमी पाकिस्तान से आए हुए रिफ्यूजियों, पंजाब से लाए हुए सफाई कर्मचारियों व सदियों से रह रहे गोरखा लोगों को भी राज्य की नागरिकता प्राप्त नहीं थी। वे राज्य विधानसभा केे चुनावों में वोट तक नहीं डाल सकते थे। सरकारी नौकरियों पर भी उनका कोई हक नहीं था और न ही वह जमीन खरीद सकते थे। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर की लड़की यदि अन्य राज्य के किसी लड़के से शादी करती थी तो उसका अपनी पैतृक संपत्ति से भी अधिकार खत्म हो जाता था।
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 के अपने एक ऐतिहासिक फैसले में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांट दिया गया था। केन्द्र सरकार के इस ताजा फैसले से देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले नागरिक खूबसूरत जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद कर अब अपने सपनों का मकान और दुकान बना सकते हैं तथा इंडस्ट्री लगा सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अनुसार बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में लगे, इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में इन्वेस्ट की जरूरत है लेकिन खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही रहेगी। उन्होंने कहा, “केंद्र शासित राज्यों की सरकार बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के समान विकास और कल्याण के लिए समर्पित है।”
हिन्दुस्थान समाचार