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स्त्री को गृहलक्ष्मी से बना दिया बहुआयामी विधाओंध्व्यक्तित्व का मालिक

हजारों किलोमीटर दूर पलक झपकते ही अपनी मन की भावना या अपने चहेते लाडले या माँ बाबा का मुंह देखकर दिल सकून में आ जाता है शब्द सुनकर कान में मिश्री खुल जाती हैद्य जी हां आज जिस संचार क्रांति ने दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन कर दी है हम उस इंटरनेट की बात कर रहे हैं द्यआज इंटरनेट के बिना जीवन जीने का कोई मकसद व रास्ता नहीं दिखता है कोविड.19 ने तो इसको गति और मजबूत आदत बना दी हैद्य आज से 51 साल पहले किसने कल्पना की होगी इंटरनेट की दुनिया से रिश्ते नातेए व्यापार एशिक्षा एइंजीनियरिंग एमेडिकल एसारी चीजें आपकी मुट्ठी में होंगी द्यअब आपको इंटरनेट के लिए कहीं दूर नहीं जाना हैद्य आपकी मुट्ठी में ही हर वक्त अमीर हो या गरीब हो सबके पास 2ह नहीं 3ळ नहीं अब 4ळ जैसी स्पीड का इंटरनेट उपलब्ध है जिसने जीवन की पूरी रूपरेखा ही बदल दी है 29 अक्टूबर वर्ष 1969 से इंटरनेट की शुरुआत तब हुई जब अमरीका में सेना के लिए एक कंप्यूटर नेटवर्क तैयार किया गया था ताकि परमाणु युद्ध शुरू होने की स्थिति में सूचना का आदान प्रदान किया जा सके ।नेट का सफर आज आदमी की रोटी कपड़ा मकान की तरह आवश्यकता बन गया है द्यआज शिक्षा हो या किसी क्षेत्र की जानकारी लेना हो गूगल पर डालिए आपको घर से बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी सारी चीजें आपके सामने उपलब्ध होगीद्य आपको कोई रचनात्मक कार्य करना है उसका अवलोकन करना चाहते हैं कंप्यूटर और नेट की मदद से इसका प्रारूप आप देख सकते हैं हजारों किलोमीटर दूर बैठे हुए डॉक्टर से ना केवल आप सलाह ले सकते हैं बल्कि आप बखूबी अपना इलाज करा सकते हैंद्य आप भी जानते होंगे इस तरीके के तमाम कॉल सेंटर पूरी दुनिया में उपलब्ध हैं द्यव्यापार की कॉन्फ्रेंसेस और मीटिंग तो आज वर्चुअल का एक हिस्सा बन गई है जो भारतीय कभी पिछड़ा वर्ग कहलाते थे आज वही भारतीय व्यापारी पुरानी पद्धतिको छोड़कर इंटरनेट के माध्यम से ना केवल अपना व्यापार बढ़ा रहे हैं बल्कि अपने कर्मचारियों से ज्यादा आउटपुट निकलवा पा रहे हैं। बच्चों की क्लास आर्थिक व सरकारी सब काम की धुरी है ।हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी इंटरनेट के माध्यम से आज भारत की

जनता पर अपने मन की बात कह के न केवल कोविड.19 की जंग जीती है बल्कि सरकार की दी जाने वाली सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने के साथ जनता के दिलों पर भी राज किया हैद्य कल तक की स्त्री को गृहलक्ष्मी से बहुआयामी विधाओं का मालिक बना दिया ।जितनी तेज़ी से दुनिया में परिवर्तन हो रहा है उसकी जानकारी आज तुरंत हो जाती है ।आज इंटरनेशनल इंटरनेट डे पर बहुत कुछ कहने की बात नहीं है हां यह जरूर है कि अगर जीवन को गति दी है तो साथ ही मनुष्य को कुछ आलसी व संस्कार विहीन भी बना दिया है द्यआज इंटरनेट के विश्वास से रिश्तो की और ज्ञानियों के महत्व को थोड़ा कम जरूर किया है पहले जमाने में लाइब्रेरी व किताबों का और आमने.सामने बैठकर बात करने का जो मज़ा था जो अब लगता है कि बीते दिनों की बात हो गई हैद्यदिनचर्या उलट पलट कर दिया है ।आज मैं सभी इंटरनेट यूज करने वाले अपने भाई बंधुओं से कहूंगा की इंटरनेट आज विश्व के लिए अगर एक वरदान साबित हो रहा है तो इसका दुरुपयोग करके कहीं तीसरे विश्वयुद्ध की आप तैयारी नहीं करें द्यअपने सभी चाहने वालों को मित्रों को रिश्तेदारों को आज 29 अक्टूबर को इंटरनेट के माध्यम से एक मैसेज दें सर्व प्रथम उन्हें विश्व इंटरनेट डे की शुभकामनाओं के साथ आग्रह करें कि हम इंटरनेट का सीमित उपयोग के साथ सही उपयोग करेंगे द्यकारण है कि इंटरनेट की जो किरणें निकलती हैं उन से पर्यावरण को व स्वस्थ को भी नुकसान होने की संभावना होती है ।
’ ’इतिहास ’
29 अक्टूबर 1969 को चार्ली क्लाइन ने पहली बार इलेक्ट्रॉनिक संदेश प्रेषित कियाद्यप्रोफेसर लियोनार्ड क्लीनरोक की देखरेख में काम कर रहे चार्ली क्लाइन ने एक संदेश प्रेषित कियाद्य यह संदेश अमेरिकी रक्षा विभाग के द्वारा यूसीएलए तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान कंप्यूटर्स की नेटवर्किंग करके प्रेषित किया गयाद्य हालांकिए प्रारंभिक संचरण के कारणए यह प्रणाली ध्वस्त हो गई और ट्रांसमिशन दुर्घटनाग्रस्त हो गयाद्य

राजीव गुप्ता जनस्नेही कलम से
लोक स्वर आगरा