राजनीति

विजय दिवस पर कांग्रेसियों ने किया सैनिकों के परिजनों सम्मान 

आगरा। शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में आज 1971 के भारत – पाक युद्ध की 50 वी वर्षगांठ विजय दिवस के रूप में डॉ बी आर अम्बेडकर सामुदायिक भवन सब्जी मंडी छीपी टोला पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार चिल्लू एडवोकेट ने कहा कि 1971 का भारत – पाक युद्ध कई मायनों में बिल्कुल अलग था। इस युद्ध ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए और तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व में विश्व के मानचित्र पर भारत को एक मजबूत, अडिग , व बड़े देशों में एक नई पहचान दिलाई। किस प्रकार से इन्दिरा जी, बाबू जगजीवन राम, जनरल मानेकशॉ, जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के कुशल नेतृत्व में देश के बहादुर सैनिकों ने पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष जनरल नियाजी सहित लगभग 1 लाख सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए विवश किया व पाकिस्तान में लाहौर तक अंदर घुसकर भारत का झण्डा फहराया। 1971 के युद्ध में ही इन्दिरा जी ने अमेरिका के 7 वे बेड़े भेजने की धमकी को दरकिनार करते हुए तत्कालीन अमेरिका राष्ट्रपति निक्सन को भी करारा जवाब दिया था, इस कारण भारत की विश्व में एक नई पहचान मिली थी। इन्दिरा गांधी जी वास्तव में लोह महिला थी और एक बार वह जो निर्णय ले लेती थी।  तो फिर पीछे नहीं हटती थीं। ये देश के प्रति उनकी सच्ची राष्ट्रभक्ति को दर्शाता है।कार्यक्रम में कांग्रेस जनों द्वारा लांस नायक जय पाल सिंह भदोरिया की वीर पत्नी राजेश कुमारी, सूबेदार राजबहादुर की पुत्र वधु मुन्नी देवी, लांस नायक हरेंद्र सिंह की पत्नी वीर नारी मिथिलेश, नायक शिव कुमार सिंह की पत्नी वीर नारी सुशीला देवी, सिपाही रणवीर सिंह की पुत्र वधु राजेश कुमारी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।  इन सभी ने 1971 के युद्ध में भाग लिया था और देश के लिए शहीद हुए थे। कार्यक्रम का संचालन नंदलाल भारती ने किया। कार्यक्रम में पूर्व पार्षद अशोक शर्मा, सत्यप्रकाश रावत, अरविन्द दोनेरिया, सूबेदार राजेंद्र सिंह, विनोद जरारी ,आई डी श्रीवास्तव, अनिल शर्मा, विराग जैन, हेमंत चाहर, इब्राहिम ज़ैदी, रामप्रकाश बघेल, शिल्पा दीक्षित, भीष्म पाल सिंह मुखिया,याकूब शेख, अज़हर वारसी, चन्द्र मोहन जैन मोनू, कपिल गौतम, वासित अली, ताहिर हुसैन, नगीना चौधरी,राजकुमारी जाटव, नासिर कुरैशी, आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।