चंडीगढ़: बेरोजगारी को लेकर विपक्ष ने फिर से हरियाणा सरकार पर हमला बोला है। एक तरफ जहां सरकार रोजगार देने के दावे करती है, तो दूसरी तरफ विपक्ष आंकड़े लेकर खड़ा हो जाता है। प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर कांग्रेस के एकमात्र राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हमला बोला है।
सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई ) द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि हरियाणा एक बार फिर बेरोजगारी में नंबर वन हो गया है।दीपेंद्र के अनुसार दिसंबर माह की रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा में 32.5 फीसदी बेरोजगारी दर है। इसका मतलब है कि प्रदेश में हर तीन में से एक हरियाणवी बेरोजगार है। ये पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर से करीब चार गुणा ज्यादा है। पिछले कई दिनों से लगातार किसानों के बीच पहुंच रहे कांग्रेस संसदीय दल के पूर्व उप नेता दीपेंद्र हुड्डा ने बेरोजगारी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से जवाब मांगा है।
दीपेंद्र ने कहा कि युवाओं की आंखों में धूल झोंकने के लिए हरियाणा मूल के युवाओं को 75 फीसदी रोजगार की गारंटी देने का कानून लाने का नाटक रचा गया। उन्हों ने कहा कि यह कानून उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिनका वेतन 50 हजार रुपये से कम है। अब इस कानून को अदालत में चुनौती दे दी गई है। सरकार को पहले से पता था कि ऐसा होगा। इसलिए झूठी वाहवाही लूटने के लिए युवाओं को धोखा दिया गया।राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में यह हालात नहीं हुए हैं। कोरोना काल से पहले भी हरियाणा के युवा 28 फीसदी बेरोजगारी दर झेल रहे थे। सिर्फ सीएमआइई ही नहीं खुद एनएसओ व एसजीडी जैसे तमाम सरकारी और निजी संस्थाओं के आंकड़े बार-बार हरियाणा सरकार के प्रदर्शन की पोल खोलते रहे हैं। यूपी व बिहार जैसे राज्यों ने भी रोजगार देने के मामले में हरियाणा को पछाड़ दिया है।