जम्मू। कश्मीर में विश्वप्रसिद्ध डल झील का पानी जम कर चट्टान क्या बना कि उस पर क्रिकेट खेलने और टहलने वालों की बाढ़ ही आ गई। ऐसे में नागरिक प्रशासन को ऐसा करने वालों को जेल में डालने की चेतावनी देनी पड़ी है। हालांकि लोगों को ऐसा करने से रोकने व हादसे की सूरत में बचाव की खातिर एसडीआरएफ की टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं।
डल झील के जम कर चट्टान बन जाने से एक ओर डल झील के आसपास रहने वाले लोगों की दुश्वारियां बढ़ीं तो वहीं बर्फ की यह चट्टान बच्चों के लिए खेल का मैदान बन गई है। कश्मीर घाटी में हर दिन गिरते तापमान के कारण डल झील का पानी जम चुका है। पानी पर जमी बर्फ की परत पर चलते हुए लोगों की वीडियो वायरल होते ही प्रशासन ने हरकत में आते हुए डल झील के आसपास एसडीआरएफ की टीम तैनात कर दी है ताकि लोगों का यह मनोरंजन उनकी जान के लिए खतरा साबित न हो। यही नहीं श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर शाहिद इकबाल भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर जमी हुई डल झील की तस्वीर अपलोड करते हुए लोगों को सलाह दी कि वह डल झील के जमी हुई सतह पर न चलें, यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
दरअसल श्रीनगर में पिछले तीन दिनों के दौरान सर्दी ने तीस सालों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। गत बुधवार रात को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -8.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। तापमान में लगातार हो रही गिरावट की वजह से डल झील समेत अन्य जल स्रोत जम गए हैं। हजरत बल दरगाह के नजदीक डल झील के जमे हुए पानी को देख बच्चे खुश हो गए। पहले तो बच्चों ने इस पर कुछ दूरी पर चलकर देखा जब लगा कि सब सुरक्षित है तो बच्चों के साथ-साथ बड़े भी उस पर चलने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने जमी हुई डल झील पर चलते हुए अपने वीडियो भी अपलोड किए।
सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वीडियो वायरल होने लगा। कई सालों बाद डल का पानी इस तरह सख्त बर्फ में तबदील हो गया है। वीडियो को देख डीसी श्रीनगर शाहिद इकबाल भी डल झील पर पहुंच गए। उन्होंने बर्फ पर चल रहे लोगों को ऐसा करने से मना किया। इस दौरान उन्होंने जमी हुई डल झील के साथ अपना फोटो अपने ट्वीटर हैंडल पर अपलोड करते हुए ट्वीट किया कि जमी हुई डल झील पर चलना खतरनाक हो सकता है। प्लीज इससे बचें। एसडीआरएफ की टीमें सुरक्षा के लिए तैनात हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को इस तरह के जोखिम भरे कारनामों से बचाने के लिए ही कर्मियों को यहा तैनात किया गया है।
इतना जरूर है कि कश्मीर आने वाले मुट्ठीभर पर्यटकों के लिए यह नजारा बेहद ही दिलकश है जिन्होंने पहली बार इस झील को जमते हुए देखा है। चिल्लेकलां के दौरान डल झ्ाील का जमना कोई नई बात नहीं है। चिल्लेकलां 21 और 22 दिसम्बर की रात को आरंभ होता है और यह 40 दिनों तक चलता है। वर्ष 1960 में गुलाम मुहम्मद बख्शी के मुख्यमंत्रित्वकाल में डल झ्ाील पूरी तरह जम गई थी।
उस दौरान श्री बख्शी ने डल पर जीप चलाने का मजा लिय्ाा था। उस समय्ा न्य्ाूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री नीचे तक गिर गय्ाा था। इसके अलावा 1986 में डल झ्ाील पूरी तरह जम गई थी तब निवर्तमान मुख्य्ामंत्री फारूक अब्दुल्ला ने डल पर मोटर साइकिल चलाय्ाा था। इसी साल स्थानीय्ा य्ाुवकों ने जमे हुए डल पर एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आय्ाोजन किय्ाा था। इस टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लोगों ने सफलतापूर्वक समाप्त भी किय्ाा था। बुजुर्ग कहते हैं कि चिल्लेकलां के दिनों में अक्सर डल का पानी जम जाता है। इस साल के शुरू में भी डल झील पूरी तरह जम गई थी। वर्ष 2005 के दिसंबर में भी चिल्लेकलां के दौरान डल का पानी जम गय्ाा था। जो कि करीब एक महीने तक जमा रहा था।