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ख्वाजा साहब के 809वें उर्स का आगाज़, बुलन्द दरवाजे़ पर पेश हुआ परचम

अजमेर । महान सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रह. का 809वां उर्स मुबारक शुरू हो चुका है। सोमवार की शाम को बुलन्द दरवाज़े पर परचम पेश किया गया। इस बीच बडे पीर साहब की पहाड़ी से तोपों की सलामी दी गई। झंडे को पेश करने के दौरान देश दुनिया में अमन चैन और कोरोना महामारी से निजात की दुआ की गई।
सोमवार की दोपहर से ही झंडे की तैयारियों की हलचल ग़रीब नवाज़ गेस्ट में नज़र आने लगी थी, पुलिस जाब्ता भी दोपहर से लंगर खाने गली से लेकर बुलन्द दरवाज़े तक अपनी व्यवस्थाओं में चाक चैबन्द नज़र आया वही नगर निगम द्वारा परचम के पूरे मार्ग को पूरी तरह साफ करता दिखा। शाम को असर की अज़ान होते ही सैयद मारूफ चिश्ती की सदारत में परचम की सवारी की तैयारियों शुरू हो गई। लाल रंग के पौशाक में सजे हुए सीआरपीएफ के बैण्ड ने जैसे ही अपने लय में सुर लगाए वैसे ही नारों के साथ पूरा माहौल ‘चिश्ती रंग‘ में डुब गया। दरगाह शरीफ़ के कव्वाल असरार अहमद के साथ सूफियाना कलामों के साथ परचम की सवारी लंगर खाना गली होती हुई निज़ाम गेट, शाहजहांनी गेट से बुलन्द दरवाजे़ पर पहुंची, वहां मौजूद अकीदतमंद दुरूदों सलाम के नज़राने पेश किए। कुछ ही देर में बुलन्द दरवाज़े पर इस तारिखी परचम को नस्ब किया गया और ख्वाजा साहब के 809वें उर्स का आगाज़ हो गया। परचम कुशाई की रस्म के दौरान दरगाह कमेटी सदस्य मुनव्वर खान, सपात खान, नाज़िम अशफ़ाक हुसैन के अलावा जिला प्रशासन से अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम प्रजापत इत्यादि शामिल रहे।
गौरतलब है कि बुलन्द दरवाज़े पिछले कई सालों से झण्डा भीलवाड़ा का गौरी खानदान पेश करता हुआ आ रहा है। आज भी यह खानदान अपने लिए पुरखों की वीरासत के साथ एक खुदा का करम मानते हुए इस जिम्मेदारी को निभाते है। आज को झण्डे की रस्म को फखरूद्दीन जी और उनके खानदान के लोग इसे अदा करते हैं।