रामपुर, विधानसभा स्वार में शहबान खान, रागिब खान और नाहीद अली के आवाहन पर आम आदमी की एक चौपाल आयोजित की गई,
चौपाल में फैसल खान लाला ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने उत्तराखंड में हुई त्रासदी के लिए अपनी लापरवाही को छुपाने का कार्य किया है असल में जहां पर भी इस प्रकार के डैम आदि बनाए जाते हैं वहां कुछ किलोमीटर पहले अलार्म सिस्टम लगाया जाता है ताकि आगे काम करने वाले लोगों को समय रहते बचाव की सूचना मिल सके मगर इस त्रासदी में अलार्म सिस्टम ना लगाए जाने के कारण बड़ी मात्रा में कार्य करने वाले श्रमिको को अपनी जान गवाना पड़ी और सरकार उन्हें कुछ रुपए मात्र देकर इस त्रासदी पर लीपापोती करना चाहती है अभी तक इस त्रासदी में मरने वाले लोगों की सही संख्या का भी आकलन नहीं हो पाया है
महिला ज़िला अध्यक्ष नरगिस खान ने कहा कि किसानों द्वारा आयोजित की जाने वाली महा पंचायतों के आकार और जनसैलाब को देखकर सरकार घबरा गई है इसलिए अपने नेताओं को गांव-गांव में भेजकर लोगों की चापलूसी कराई जा रही है मगर अब यह स्पष्ट हो चुका है कि किसान जागरूक हो चला है और अब वह सरकार के झांसे में आने वाला नहीं है
विधानसभा अध्यक्ष मेयसरा बी ने कहा कि सरकार के मुखिया द्वारा अच्छे दिनों का झांसा देकर जनता को जो गुमराह किया है वह अपने आप में किसी बड़े अपराध से कम नहीं ताली और थाली बजाकर कोरोना भगाने को लेकर गुमराह किया जाना हो या रात्रि के समय नोटबंदी अचानक ला खड़ी कर दी गई हो मगर उसके बावजूद भी लोगों के सारे काले धन सफेद में आश्चर्यजनक रूप से तब्दील होते गए हद तो जब हो जाती है जब नोट बंदी लागू होते ही सरकार के मंत्रियों की बेटियां बाजार में दो 2000 की गड्डी लेकर घूमती नजर आई सरकार ने इस दावे के साथ जीएसटी लगाई थी वह भी खोखला साबित हुआ यदि कुल मिलाकर बात की जाए तो इस सरकार के शासन में महंगाई अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है वह सरकार की नाकामी का प्रमाण है।
इस मौके पर ज़िला उपाध्यक्ष डा नाज़, शारुख पाशा, मुजक्किर अली सचिव, सलमान फौजी ब्लॉक अध्यक्ष ,रय्यान खान छात्र विंग ज़िला अध्यक्ष, शाकिर हुसैन ज़िला उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, फायजा बी महासचिव, शाहीन बी उपाध्यक्ष, शारूख पाशा, यूथ सचिव फ़हीमा क़ुरैशी, फैज़ुल अली, आसिफ अंसारी, इमरान खान, नाज़िश पाशा, दासिम पठान, प्रमोद वर्मा, यशपाल खत्री, गोविंद सैनी आदि लोगो मौजूद रहे।