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अजमेर स्थापना दिवस पर दरगाह ख्वाजा साहब में हुई चादर पेश

अजमेर । अजमेर शहर के 909वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर महान सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की मज़ार शरीफ़ पर मखमली चादर पेश की गई। अंजुमन सचिव सैयद वाहीद हुसैन चिश्ती द्वारा अजमेर शहर की खुशहाली, तरक्की, अमन और कोरोना से निजात की दुआ की गई।
यूं तो अजमेर शहर की तारिख हिन्दुस्तान की सर जमीन पर गंगा जमनी तहज़ीब का गहवारा है और यहां की सभ्यता और संस्कृति कौमी एकता की प्रतीक। ऐसा की कुछ सूफीयाना रंग देखने शुक्रवार की शाम को ख्वाजा साहब की दरगाह पर देखने को मिला, जब अजमेर शहर की 909वीं सालगिराह के मौके पर अंजुमन सैयदज़ादगान खुद्दामें ख्वाजा की ओर से ख्वाजा साहब की मज़ार पर मखमली चादर और अक़ीदत के फूल पेश किए गए। इस मौके पर सैयद वाहीद हुसैन चिश्ती ने बताया कि आज हमें अपने इतिहास और विरासत को फिर से जिंदा करने की ज़रूरत है। क्योंकि यह शहर मोहब्बतों का शहर है, और हर एतबार से मालिक ने इसे नवाज़ा है। हमे चाहिए कि इसकी कद्र करें और इसे सम्भाल कर रखें। इस मौके पर सैयद मुस्ब्बीर हुसैन चिश्ती, सैयद आले बदर चिश्ती, सैयद अन्नु हाशमी, डाॅ नज्मुल हसन, सैयद मख्दूम चिश्ती इत्यादि शामिल रहे।
*मुस्लिम समाज में यूं है अजमेर खास:* बताया जाता है ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. को पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अजमेर आने का हुक्म दिया था इस वजह से इस्लामी इतिहासकार इस शहर को अहम मानते हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दुस्तान में ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रह. को शहंशाहे हिन्द के लक़ब से पुकारा जाता है।

*पृथ्वीराज फाउंडेशन के सदस्य रहे मौजूद:* स्थापना दिवस पर चादर पेश करने के दौरान पृथ्वी राज फाउंडेशन के सदस्य भी शामिल रहे। दीपक शर्मा, संजय कुमार सेठी, रिषी राज सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी