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विश्वविद्यालय से संबद्ध राजकीय और अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्यो की ऑनलाइन बैठक संपन्न

आगरा।  डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल जी की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय से संबद्ध राजकीय और अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्यो की ऑनलाइन बैठक संपन्न हुई  जिसमें आगामी सत्र से प्रारंभ होने वाले स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को लागू किए जाने के संबंध में विशद चर्चा हुई ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति जी ने बताया कि हमें इसी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों को लागू करना है । इन पाठ्यक्रमों को महाविद्यालयों में प्रारंभ करने में सभी प्राचार्यो की बहुत अहम भूमिका रहने वाली है ।
 सभी प्राचार्य अपने अपने महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए एक क्रियान्वयन समिति बना लें , राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप 10 प्रकोष्ठों का गठन भी कर लें और तत्काल विश्वविद्यालय की टास्क फोर्स के संयोजक प्रोफेसर वीके सारस्वत को इससे अवगत करा दें ।
 कुलपति जी ने प्राचार्य परिषद के अध्यक्ष डॉ यशपाल सिंह को सभी राजकीय और अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्य का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए नामित किया , जिससे उस समूह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन संबंधी सभी सूचनाएं यथासमय प्राचार्यों को प्रेषित की जा सकें ।
आगे कुलपति जी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को प्रथम वर्ष में लागू करने में बहुत ज्यादा समस्या नहीं होगी , क्योंकि सभी महाविद्यालयों में पर्याप्त संसाधन हैं । जो समस्या आएगी वह समय सारिणी निर्धारित करने वाली समिति को आएगी , क्योंकि प्रथम वर्ष में विद्यार्थी जो तीन मुख्य विषय लेगा।
 उसमें से दो मुख्य विषय उसके संकाय के होंगे और एक विषय उसके संकाय के अन्य विभाग का या अन्य संकाय का भी हो सकता है । जैसे बीएस.सी. के एक विद्यार्थी ने दो मुख्य विषय भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान लिए तो तीसरा मुख्य विषय इतिहास या हिंदी या समाजशास्त्र भी ले सकता है , तो उस स्थिति में समय सारिणी को अत्यंत सावधानी के साथ व्यवस्थित करना होगा ।
आगे कुलपति जी ने बताया कि इस 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की यह विशेषता है कि इसमें प्रत्येक वर्ष के बाद निकास और पुनः प्रवेश की व्यवस्था है । यदि किन्ही कारणों से विद्यार्थी 1 वर्ष के बाद अपनी पढ़ाई सुचारू नहीं कर पाता है तो उसे ‘सर्टिफिकेट इन फैकल्टी’ का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ।
 दूसरे वर्ष के बाद अध्ययन नहीं करने वाले विद्यार्थी को डिप्लोमा और 3 वर्ष पूर्ण करने पर उसे बैचलर डिग्री प्रदान की जाएगी ।  इसके अतिरिक्त इस पाठ्यक्रम की यह भी विशेषता है कि विद्यार्थी के बहुमुखी विकास के लिए उसे तीन मुख्य विषयों के अलावा फाउंडेशन , माइनर/ वैकल्पिक , वोकेशनल और पाठ्य सहगामी पाठ्यक्रमों का भी अध्ययन करना होगा ।
विश्वविद्यालय की टास्क फोर्स के सदस्य डॉ वीके सिंह ने आगामी सत्र से प्रारंभ होने वाले इस पाठ्यक्रम के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । आपने सभी मुख्य , वैकल्पिक, फाउंडेशन, वोकेशनल आदि विषयों में पूर्ण किए जाने वाले क्रेडिट का विवरण भी प्रस्तुत किया । आपने बताया कि इस पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने के लिए दिनांक 15 जनवरी 2021 , 8 फरवरी 2021 , 10 फरवरी 2021 और 20 अप्रैल 2021 को राज्य सरकार से आदेश जारी हो चुके हैं और अब हम सभी को मिलकर इसके क्रियान्वयन को सफल बनाना है ।
टास्क फोर्स के संयोजक प्रोफ़ेसर वीके सारस्वत ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को लागू करने में वेब रजिस्ट्रेशन की बहुत अहम भूमिका रहेगी । प्रत्येक कॉलेज को अपने यहां उपलब्ध संसाधनों का , पढ़ाए जाने वाले मुख्य विषयों और वोकेशनल विषयों का,  प्रत्येक विषय में अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या का विस्तृत विवरण विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराना होगा।
जिसके आधार पर विद्यार्थी को प्रवेश दिया जाएगा । उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार की बैठकें शीघ्र ही नोडल केंद्र वार भी आहूत की जाएंगी , जिससे स्ववित्तपोषित कॉलेजों को भी इन जानकारियों से अवगत कराया जा सके ।
चित्रगुप्त कॉलेज , मैनपुरी के प्राचार्य डॉक्टर शेरपाल ने विद्यार्थियों से प्राप्त होने वाले शुल्क के वितरण पर जानकारी चाही , जिस पर डॉ वीके सिंह ने बताया कि यह स्थिति प्रवेश लेते समय ही स्पष्ट हो जाएगी । विद्यार्थी के सामने आवेदन करते समय ही सभी विषयों का विकल्प उसके शुल्क के साथ आएगा ।
बैठक में टास्क फोर्स के सदस्य प्रोफ़ेसर वीके सारस्वत , प्रोफ़ेसर मनोज श्रीवास्तव , प्रोफेसर अजय तनेजा , प्रोफेसर पीके सिंह , डॉ वीके सिंह के साथ डॉक्टर एसपी सिंह , डॉक्टर शील मिश्रा,  डॉक्टर मीरा अग्रवाल, डॉक्टर नीता गुप्ता ,डॉ वंदना सारस्वत ,डॉ विनीता गुप्ता ,डॉक्टर लकी गुप्ता ,डॉक्टर यशपाल सिंह ,डॉ निर्मला यादव ,डॉक्टर पीके वार्ष्णेय ,डॉक्टर शेरपाल सहित बड़ी संख्या में राजकीय और अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे ।