राजनीति

वैक्सीन विदेश भेजे जाने पर भाजपा ने दी यह सफाई

नई दिल्ली, देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर भी मारामारी जारी है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर वैक्सीन सप्लाई को रोकने का आरोप लगा रहा है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तो यहां तक कह दिया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के कारण भारत बायोटेक ने दिल्ली को 67 लाख कोवैक्सीन देने से मना कर दिया। इसके अलावा विपक्ष के शासन वाले राज्य लगातार केंद्र सरकार पर वैक्सीन नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं। देश में भले ही यह दावा किया जा रहा है कि टीकाकरण अभियान तेजी से जारी है लेकिन सच यही है कि कोरोना वैक्सीन की कमी की वजह से कई टीका केंद्र बंद हो पड़े हैं।
विपक्ष के इन आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने जवाब दिया है। संबित पात्रा ने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी वैक्सीनेशन के मसले पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वैक्सीन को विदेश भेजे जाने पर संबित पात्रा ने कहा कि 11 मई 2021 तक लगभग 6.63 करोड़ वैक्सीन के डोज हिंदुस्तान के बाहर भेजे गए थे। इसमें मात्र 1 करोड़ 7 लाख वैक्सीन मदद के रूप में भेजा गया है। बाकी 84% वैक्सीन लायबेलिटी के रूप में भेजी गई है, जो आपको करना ही था चाहे किसी कि भी सरकार होती। उन्होंने कहा कि अपने देश के पड़ोसी 7 राष्ट्रों को हमने 78.5 लाख वैक्सीन की डोज मदद के रूप में दी है। बाकी 2 लाख डोज यूएन की पीस कीपिंग फोर्स को दिए हैं। क्योंकि 6,000 से ज्यादा हमारे देश के जवान अलग-अलग देशों में पीस कीपिंग के लिए काम कर रहे हैं।
पात्रा ने आगे कहा कि भारत में वैक्सीन बनाने वाली 2 कंपनियों ने पहले से ही देश के बाहर से रॉ-मैटेरियल लिया था। इस वक्त करार हुआ था कि इससे जब वैक्सीन तैयार होगी तो उसमें से कुछ वैक्सीन उन देशों को भी दिया जाएगा। ये commercial liability है। आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से एक दिन में सर्वाधिक 4,205 लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 2,54,197 हो गई, जबकि संक्रमण के 3,48,421 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,33,40,938 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मामले कम होकर 37,04,099 हो गए, जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.87 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर सुधरकर 83.04 प्रतिशत हो गई है।