आगरा। कोरोना काल में संक्रमण के डर से जब अपने भी मुंह मोड़ रहे हैं और पड़ौसी भी मदद नहीं कर पा रहे हैं तब यही एक समुदाय है जो आपके लिए दिन-रात एक कर रहा है। आज जब हर ओर निराशा छाई है, कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है, दुश्मन भी अदृश्य है तब हमारे हजारों-लाखों महिला-पुलिस नर्स मरीजों की सेवा को धर्म मानते हुए मजबूत ढाल की तरह खडे़ हैं। यह कहना है रेनबो हाॅस्पिटल कीं प्रमुख डा. जयदीप मल्होत्रा का।
हर साल 12 मई को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस दिवस मनाया जाता है, जो नर्सेज को उनकी सेवा के बदले शुक्रिया कहने का दिन है। रेनबो हाॅस्पिटल और मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम में इस दिन नर्सेज को सलाम किया गया। अलग-अलग वर्गों में प्रशस्ति-पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। रेनबो आईवीएफ कीं निदेशक डा. जयदीप मल्होत्रा ने कहा कि एक भयंकर महामारी के बीच इस बार अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस एक खास महत्व रखता है।
नर्स अस्पतालों, क्लीनिकों की रीढ़ की हड्डी होती हैं और इस बार तो वे महामारी के विषम हालातों में भी अपनी जान जोखिम में डालकर महीनों से कोविड-19 के लाखों मरीजों की देखभाल कर रही हैं। रेनबो हाॅस्पिटल के निदेशक डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि कोरोना काल में जब अपने भी काम नहीं आ पा रहे हैं तो डाॅक्टर और नर्स ही हैं जो अपनी जान जोेखिम में डालकर सेवा में जुटे हैं। इन हालातों में अगर हो सके तो उन्हें सलाम करें।
मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटरनिटी होम कीं निदेशक डॉ नीहारिका मल्होत्रा ने बताया कि यह नर्सेज को उनकी सेवा के बदले सलाह कहने का दिन है। मल्होत्रा नर्सिंग होम में आज नर्सेज को सम्मानित किया गया। रेनबो आरोग्यम आईसीयू प्रभारीं डा. पायल सक्सेना ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस उनके प्रति हमारी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक शानदार अवसर है।
डॉ सरिता दीक्षित ने नर्सेज को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर असिस्टेंट नर्सिंग सुप्रिटेंडेंट सुमन धंटोलिया, नर्सिंग सुपरवाइजर निकिता यादव सिंघल, इनफेक्शन कंट्रोल नर्स निशि बिहारी, एचआर प्रबंधक लवकेश गौतम, मार्केटिंग मैनेजर केशवेंद्र सिसौदिया, राजीव कुमार आदि मौजूद थे।
नर्सेज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन
रेनबो आईवीएफ के डा. केशव मल्होत्रा ने बताया कि हर साल 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1820 में इसी दिन फ्लोरेंस नाइटेंगिल, दुनिया की सबसे प्रसिद्ध नर्स का जन्म हुआ था। वह एक इंग्लिश नर्स, एक समाज सुधारक और एक स्टेटस्टिशन थीं, जिन्होंने आधुनिक नर्सिंग के प्रमुख स्तंभों की स्थापना की।
सेवा के बदले इन्हें मिला सम्मान
एंपलाई ऑफ़ द मंथ पुरस्कार वली मोहम्मद, ब्रजमोहन और गंगोत्री को, एंपलाई ऑफ़ द ईयर का खिताब अजय कुमार सैनी, राममूर्ति और राहुल कुमार जैन को, बेस्ट न्यू कमर नेहा यादव को, ग्रूमिंग अवार्ड जयश्री और अनामिका को और फ्लोरेंस नाइटेंगिल सम्मान निशि बिहारी के नाम रहा।