आगरा ,”विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं के पास एनसीसी को ऐच्छिक विषय के रूप में चुनने का विकल्प होगा। नई शिक्षा पद्धति (एनईपी 2020) के अनुसार चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत, आने वाले समय में सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले यूजी के छात्र-छात्राओं को एनसीसी इलेक्टिव विषय के रूप में पढ़ने का अवसर मिलेगा।”
यह कहना है 1यूपी वाहिनी एनसीसी के कमान अधिकारी कर्नल अजय मिश्रा का। वह ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर मनोज मोहन के निर्देश पर वाहिनी से संबंधित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं एनसीसी अधिकारियों को ऑनलाइन बैठक के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे बताया कि इस नई पहल से एनसीसी के विद्यार्थी बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के साथ ही अब उच्च प्रशिक्षण के लिए अकादमिक क्रेडिट भी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकार की रोजगार प्रोत्साहन योजनाओं में भी अतिरिक्त विशेष लाभ प्राप्त करने के पात्र हो सकेंगे। निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। संबंधित छात्र-छात्राओं को डिग्री के साथ बोनस अंक भी मिलेंगे। इस कोर्स को यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार 6 सेमेस्टर और 24 क्रेडिट पॉइंट में विभाजित किया गया है। यह कोर्स नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जिससे एनसीसी के छात्रों को भविष्य में भी लगातार बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध होते रहेंगे।
कर्नल अजय मिश्रा ने आगे बोलते हुए कहा कि शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को एनसीसी को एक सामान्य क्रेडिट कोर्स (जीसीसी) के रूप में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। एनसीसी भी लगातार प्रयासरत है कि इसे और अधिक सशक्त बनाने के लिए जीसीसी का प्रभावशाली तरीके से विश्वविद्यालयों में संचालन किया जाए। उन्होंने बताया कि राजस्थान एवं हरियाणा सरकार द्वारा अभी हाल ही में एनसीसी को सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में इलेक्टिव सब्जेक्ट में पढ़ाने का आदेश जारी किया है। एनसीसी महानिदेशालय शीघ्र ही उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने के लिए प्रयासरत है। विभिन्न राज्यों में इसे लागू करने के लिए रक्षा सचिव ने राज्यों के प्रमुख सचिवों को पत्र जारी किया है।
वन यूपी बटालियन के एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने बताया कि इस संदर्भ में एनसीसी आगरा ग्रुप के डिप्टी कमांडर कर्नल एसके पांडीयन ने एक प्रेजेंटेशन डॉ बीआर आबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल को मार्च माह में प्रस्तुत कर चुके हैं, जिस पर कुलपति ने सकारात्मक रुख अपनाया।
बैठक में उपस्थित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं एनसीसी अधिकारियों ने इस संदर्भ में अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए।
बैठक में मुख्य रूप से सेंट जॉन्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसपी सिंह, लेफ्टिनेंट दिनेश लाल, लेफ्टिनेंट मनीष कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
एनसीसी इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में विद्यार्थियों को लाभ:-
सैन्य संगठनों में आसानी से युवा प्राप्त कर सकेंगे रोजगार:
इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स सिद्धांत और व्यवहार आधारित है। सैन्य इतिहास पढ़ने के साथ शिविरों के माध्यम से छात्र मानचित्र और आकलन, फील्डक्राफ्ट, युद्ध कौशल, हथियार प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। शारीरिक दक्षता विकसित करने के साथ आपदा प्रबंधन व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन भी सीख सकेंगे। इससे युवाओं को सैन्य संगठनों में रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी। निर्णय कौशल व समस्याओं का प्रभावी समाधान भी सिखाया जाएगा।
प्राइवेट सेक्टर में भी कर सकेंगे जॉब:
जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स से युवाओं की शारीरिक और मानसिक क्षमता में वृद्धि होगी। यह कोर्स करने वाले युवाओं के पास सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में कुशल अनुभव के साथ डिग्री योग्यता भी होगी, जिससे निजी सुरक्षा कंपनियों में भी रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा और देशभक्ति को मिलेंगे नए आयाम: एनसीसी विश्व का सबसे बड़ा यूनिफॉर्म संगठन है। इसमें भारत में 14 लाख कैडिट्स जुड़े हुए हैं। इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स एनसीसी के लिए गौरवशाली अध्याय को आगे बढ़ाएगा। एनसीसी के छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। उसके माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को भी नये आयाम मिलेंगे और छात्रों का एनसीसी के प्रति रुझान बढ़ेगा।