फेफड़ों को अधिक प्रभावित करता है, इसलिए सावधान रहें टीबी मरीज
आगरा। कोरोना की रफ्तार भले ही कुछ सुस्त पड़ गई हो, परन्तु अभी टीबी के मरीजों और उनके परिजनों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। डाक्टर भी कोविड से बचने के लिए डबल मास्क का प्रयोग करने और लक्षण दिखने पर तुरन्त ही इलाज शुरू कराने की सलाह दे रहे हैं। इसका प्रमुख कारण टीबी के साथ कोविड होने से स्थिति गंभीर हो सकती है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह का कहना है कि टीबी के मरीजों पर कोविड का काफी ज्यादा असर पड़ता है। उनके फेफड़ों पर अधिक प्रभाव हो जाता है।
मरीज को ज्यादा सतर्क रहते हुए डबल मास्क लगाकर ही परिवार के अन्य सदस्यों से बात करना चाहिए। परिवार के किसी भी सदस्य में अगर कोविड का लक्षण नजर आए तो उसे तुरंत कोविड जांच करवानी चाहिए । ऐसा न करने से अगर कोविड हुआ और घर का टीबी मरीज सम्पर्क में आ गया तो जान का खतरा हो सकता है। घर में टीबी मरीज हो तो टीबी मरीज को भी कोविड की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।
घर से न निकलें टीबी के मरीज
टीबी के मरीजों को दवा के लिए घर से निकलने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने उनकी एक माह की दवा घर तक पहुंचाने का इंतजाम कर दिया है। अगर किसी भी टीबी मरीज की दवा खत्म होने वाली है तो वह क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सूचना देकर एक माह की दवा प्राप्त कर लें ।
ऐसी हालत में जांच कराएं
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि आमतौर पर दवा का सेवन करने के बाद कोविड का मरीज ठीक हो जाता है। उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो जांच जरूर कराएं। कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें |
पोषण के लिए इलाज के दौरान प्रतिमाह मिलते हैं 500 रुपये हर टीबी के मरीजों के लिए
पोषण का इंतजाम भी सरकार ने कर रखा है। इलाज के दौरान हर मरीज के खाते में पोषण के लिए प्रति माह 500 रुपये भेजे जाते हैं। जिससे वह पोषण संबंधित चीजों का सेवन कर सकें |