आगरा , जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नलिन कुमार श्रीवास्तव के निर्देशानुसार सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अर्जुन द्वारा वर्चुअल मोड मे जिला कारागार, आगरा का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में उपस्थित जेलर संजीव सिंह एवं डिप्टी जेलर हरवंश पाण्डे द्वारा अवगत कराया गया की कोविड-19 के सभी नियमों का पालन निरूद्ध बन्दियों से कराया जा रहा है। साफ-सफाई भी नियमित करायी जा रही है एवं सभी बैरकों का सैनिटाईजेशन रोज़ाना कराया जा रहा है। सभी बन्दियों को मास्क एवं साबुन/सेनिटाईजर भी दिया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान बन्दियों को रिहा किये जाने व बन्दियों के मुलाकात के सम्बन्ध में बताया गया कि बन्दियो को फोन के माध्यम से बात करायी जाती है एवं कोरोना के कारण भौतिक रूप से मुलाकात नहीं करायी जा रही है।
निरीक्षण मे बन्दियों की स्वास्थ्य के बारे में बताया गया कि समुचित देखभाल चिकित्सकों द्वारा नियमित की जा रही है। कोविड के सम्बन्ध में जिला कारागार के अधीक्षक को निर्देशित भी किया गया कि सभी बन्दियों को नियमित मारक/सैनेटाईजर व कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरन्त कोविड-19 जॉच करायें एवं नियमित रूप से जिला कारागार में सैनेटाईजेशन एवं साफ-सफाई पर उचित ध्यान रखे। निरीक्षण में जिला कारागार आगरा में कोविड से संक्रमित निरूद्ध बन्दियों के बारे में पूछने पर बताया गया कि वर्तमान में कोई भी कोविड सक्रमित बन्दी नही है। निरीक्षण में सभी स्टाफ एवं कर्मचारीगण के वैक्सीन लगवाये जाने हेतु पूछने पर बताया गया कि सभी स्टाफ को वैक्सीन लग चुकी है किन्तु 18 से 44 वाले जेल में निरुद्ध बन्दियों को अभी नही लगायी गयी है।
अधीक्षक जिला कारागार द्वारा बताया गया कि 20 जून के बाद 18 से 44 वर्ष वाले जेल में निरुद्ध बन्दियों को वैक्सीनेशन कराया जायेगा। फिर भी अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि जल्द से जल्द निरुद्ध बन्दियों को वैक्सीन लगवाया जाना सुनिश्चित करें तथा निरूद्ध बन्दियों को यह भी कहा गया की जिन बन्दियों के पास अधिवक्ता नहीं हैं, वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता की मांग कर सकतें हैं। जिला कारागार में उपस्थित 0 से 06 वर्ष तक के बच्चो के बारे मे भी पूछा गया तो बताया गया कि बच्चो को पूर्ण रूप से देखभाल किया जाता है और कोरोना महामारी होने के कारण अभी बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। निरूद्ध बन्दियों की विधिक समस्यो के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए समस्याओं के निराकरण के लिए अधीक्षक को निर्देशित भी किया गया है। इसके अतिरिक्त 04 अन्तरिम जमानत प्रार्थना पत्रो का निस्तारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नवीन कुमार द्वारा किया गया।