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श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने महापौर नवीन जैन से मुलाकात की

आगरा।  कैंप कार्यालय, कमला नगर पर श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने महापौर नवीन जैन से मुलाकात की। इस दौरान पदाधिकारियों ने मनकामेश्वर मंदिर रावत पाड़ा के मठ प्रशासन द्वारा बारहदरी के अंदर बने भवन के विवाद को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर महापौर के समक्ष अपनी पीड़ा रखी।

महापौर नवीन जैन को अपना दर्द सुनाते हुए श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ एवं विख्यात रामलीला जो कि पिछले 135 सालों से लगातार आयोजित हो रही है, इसका संचालन श्री रामलीला कमेटी आगरा जो कि शहर की एक पंजीकृत एवं प्रतिष्ठित संस्था है, के द्वारा किया जाता है। हैरानी की बात है कि एक मठ प्रशासक द्वारा झूठी एफआईआर कमेटी के पदाधिकारियों के ऊपर दर्ज करा दी गयी और अभी तक आगरा जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि ने श्री रामलीला कमेटी का साथ देने या इस मामले में दखल देने की जहमत तक नहीं उठाई है।

श्री राम लीला कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा क्योंकि आप शहर की कई प्रतिष्ठित धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की अगुवाई करते हैं, इसलिए बड़ी उम्मीद के साथ हम आपके पास आए हैं कि हमारे कमेटी के ऊपर दर्ज कराई गई झूठी एफआईआर को बाइज्जत हटवाया जाए ताकि हम उत्तर भारत की सबसे बड़े रामलीला आयोजन को अनवरत करा सके अन्यथा यह आयोजन संकट में आ जाएगा।

110 साल से भवन-कमरे का स्वामित्व कमेटी के पास

श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने महापौर नवीन जैन को बताया कि श्री रामलीला के गतिविधियों के संचालन के लिए मनकामेश्वर रावतपाडा आगरा में लगभग 110 साल पहले एक भवन का निर्माण कराया था, जिसमें बारहदरी के अंदर भूतल पर एक बरामदा तथा पांच कोठरिया हैं। वर्ष 1945-49 में उसके प्रथम तल पर तत्कालीन एमईओ द्वारा नक्शा स्वीकृत कराकर 4 कोठरिया एक हॉल तथा खुले स्थान का निर्माण कराया गया था। उक्त नक्शे की लखनऊ, बरेली व आगरा से एनओसी प्राप्त हो गयी थी। इसी प्रकार भूतल और प्रथम तल पर स्थित बरामदा कमरे तथा भवन शुरू से ही रामलीला कमेटी के स्वामित्व में है। आज भी श्री राम रामलीला का शुभारंभ एवं समापन इसी स्थान पर होता है। उक्त भवन एवं प्राचीन मंदिर मनकामेश्वर की दीवार आपस में मिली हुई है।

मठ प्रशासक ने दीवार तोड़कर कब्जा करने का किया प्रयास

सन 2012 तक किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं था। 2013 में मंदिर प्रशासक हरिहरपुर ने दीवार तोड़कर उक्त भवन पर कब्जा करने का प्रयास किया जो कि तत्कालीन कमेटी अध्यक्ष एवं विधायक स्व. श्री जगन प्रसाद गर्ग ने नहीं होने दिया। इसके फलस्वरूप हरिहर पुरी ने षड्यंत्र रच कर विधायक जगन प्रसाद गर्ग के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया।

पहले भी कब्जे का कर चुके हैं प्रयास

श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि हरिहर पुरी आदतन अवैध कब्जे के आदी रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के अंतर्गत नुनिहाई में भी अवैध कब्जे का प्रयास किया था, उस समय क्षेत्रीय लोगों ने विरोध करते हुए हरिहर पुरी के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर कर दिया था। इस मुकदमे में हरिहर पुरी को मुंह की खानी पड़ी थी। अवैध कब्जे की नीयत से ही श्री रामलीला कमेटी में अनाधिकार चेष्टा कर रहे हैं।

महिला को मोहरा बनाकर दर्ज़ कराया मुक़दमा

वर्तमान में भी थाना मंटोला जिला आगरा में श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारी अतुल बंसल, राजीव अग्रवाल, योगेश कुमार और वहां के दुकानदार बसंत कांत शर्मा, रवि कांत शर्मा व अज्ञात के विरुद्ध गलत व झूठे तत्वों के आधार पर लक्ष्मी देवी को मोहरा बनाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। जबकि उपरोक्त तथाकथित जगह पर किसी भी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई ना ही नामजद व्यक्ति घटनास्थल पर मौजूद रहे। मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने अपने पहुंच का इस्तेमाल करते हुए स्वयं आगे न आकर संदिग्ध आचरण की महिला लक्ष्मी देवी जो कि अनुसूचित जाति समुदाय की है, का इस्तेमाल करते हुए गलत तथ्यों के आधार पर एफआईआर पंजीकृत करा दी, जबकि इसमें कोई जांच सही तरीके से नहीं की गई।

पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि लक्ष्मी देवी द्वारा एफआईआर में अपने पति का नाम भी अंकित नहीं कराया गया है। इसका कारण उन्होंने बताया कि लक्ष्मी देवी लगभग 25 साल से मठ प्रशासक हरिहरपुरी व महंत योगेश पुरी से जुड़ी हुई है और वर्तमान में मंदिर में चार-पांच घंटे लगातार व्यतीत करती है।

लक्ष्मी देवी के पति के तीन अलग-अलग नाम

उन्होंने यह भी बताया कि लक्ष्मी देवी ने स्टेट इलेक्शन कमीशन उत्तर प्रदेश लखनऊ में ग्राम प्रधान के निर्वाचन में अपने पति का नाम संतोष कुमार अंकित कराया है। वहीं 31 जनवरी 2013 को तत्कालीन विधायक जगन प्रसाद गर्ग के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे में अपने पति का नाम स्वर्गीय विनोद कुमार अंकित कराया है। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में अपने पति का नाम ओम प्रकाश अंकित कराया है। इससे स्पष्ट होता है कि लक्ष्मी देवी सच्चाई से वास्ता रखती भी है या नहीं। लक्ष्मी देवी पर सन 2013 में ही एक महिला कांस्टेबल को भी मारने का आरोप है जिसकी रिपोर्ट 12 अगस्त 2013 को थाना मंटोला में दर्ज की गई थी।

झूठी शिकायतें करके बना रहे हैं दबाव

श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि मठ प्रशासक हरिहर पुरी समय-समय पर शासन की झूठी शिकायतें करके उन पर दबाव बना रहे हैं जिससे बारहदरी पर कब्जा कर सकें। हरिहर पूरी और उनके साथियों द्वारा आए दिन धमकी दी जाती है और कहा जाता है हमारे यहां न्यायाधीश, शासन एवं प्रशासन के अधिकारी गण व ब्रिगेडियर आदि आते हैं, तुम हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हो। हमने तुम्हें डकैती के मुकदमे में झूठा फंसा कर दिखा दिया है।

रामलीला कमेटी पदाधिकारियों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए महापौर नवीन जैन ने सभी को आश्वस्त किया है कि वह हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं। कमेटी के किसी भी पदाधिकारी के साथ किसी भी तरह का अहित नहीं होने दिया जाएगा, ना ही उन पर किसी भी तरह का संकट आएगा। हम शासन प्रशासन के सहयोग से इस मामले की सही से जांच करवाएंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। मैं हर तरह से रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के साथ खड़ा रहूंगा। किसी के ऊपर कोई आंच नहीं आने दूंगा।

महापौर से मिलने वालों में श्री रामलीला कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल, अतुल बंसल, राकेश जैन, विजय गोयल, योगेश गुप्ता, गिरधर शरण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।