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हज़रत साबिर ए पाक व सय्यद मुख्तार हुसैन शाह की फातिहा ख्वानी

आगरा, ईदगाह कटघर कब्रिस्तान स्थित दरगाह हज़रत पीर अलहाज रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के मजार ए मुकद्दस पर हुज़ूर मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी व दादा हुजूर हजरत सय्यद मुख्तार हुसैन शाह संदीलवी रहमतुल्लाह अलैह की फातिहा ख्वानी के मौके पर चादरपोशी , गुलपोशी व इत्र पेश करके मुल्क के अमन चैन , हाजरीन मुरीदीन की फलाहियत की दुआ बारगाह में दरगाह के सज्जादानशीन विजय कुमार जैन ने की । दरगाह हज़रत पीर अलहाज रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी के सज्जादानशीन विजय कुमार जैन ने दुआ के मौके पर कहा कि बुजुर्गो की फातिहा ख्वानी में शिरकत करने से दिल को सुकुनियत हासिल होती हैं , और अकीदतमंद अपनी मुरादों से अपने दामन को भरते हैं और फैज़ से सराबोर हो जाते हैं । बुजुर्गों की बारगाह से एकता और मुहब्बत का सबक मिलता है जिससे इंसान में इंसानियत का जज्बा पैदा होता है । महाना फातिहा ख्वानी में मुल्क के अमन चैन की दुआ के साथ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ की और आलमे इंसान को सुकून अता करने की खास दुआ की । इस मौके पर मशहूर शायरों जनाब सय्यद तनवीर निजामी अकबराबादी , मौलाना दिलकश जालोनवी , शाहिद नदीम अकबराबादी, हाजी गुलज़ार अकबराबादी , अब्दुल सत्तार रूही अकबराबादी ने अपने कलाम बारगाह ए मुर्शिदी में पेश किए । फातिहा ख्वानी व दुआ के बाद लंगर तकसीम किया गया ।
फातिहा ख्वानी व लंगर शरीफ में सर्वश्री सज्जादानशीन विजय कुमार जैन, हाफिज इस्लाम शाह कादरी, हाजी तव्वाब कुरैशी , मौलाना नसीम अहमद, अब्दुल सईद खान, अनिल दीक्षित, रमज़ान खान, पुरषोत्तम साबरी, सईद साबरी , इरफान साबरी, जमील अहमद साबरी, रामदयाल साबरी, शकील साबरी, मनोज साबरी, भूपेन्द्र साबरी, अब्दुल सत्तार, सतीश कुमार, हाशिम साबरी, कासिम साबरी, राकेश साबरी, उमेश चंदेल साबरी, बशीर खान साबरी, गुलशन चंचल, रूपसिंह साबरी, आरिफ अब्बासी, प0 जगदीश प्रसाद शर्मा, कल्लू साबरी, गायत्री साबरी, सुषमा साबरी, माया देवी साबरी, विमला साबरी, सरोज साबरी, ममता दीक्षित , गुरुप्यारी साबरी, अंजू सिंह साबरी , इति साबरी आदि ने शिरकत की ।