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*पंज प्याले पंज पीर छठम पीर बैठा गुर भारी”

आगरा, सिख धर्म के छठे गुरु साहिब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का पावन प्रकाश उत्सव बड़ी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया मुख्य कार्यक्रम सुखमनी सेवा सभा की ओर से ऐतिहासिक स्थान गुरुद्वारा दुखनिवारण लोहा मंडी में आयोजित किया गया, अमृत वेले 6:00 से 9:00 तक आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम सुखमनी साहिब जी के पाठ हुए उपरांत भाई हरजिंदर सिंह जी द्वारा शब्द का गायन हुआ उपरांत सुखमनी सेवा सभा के प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी द्वारा अमृत वर्षा की गई सर्वप्रथम उन्होंने मेरी सेजडिए आडंबर बनया,मन आनंद भया , शब्द का गायन किया उपरांत उन्होंने वडी आरजा हरर्गोविंद की शब्द का गायन कर संगत का मन मोह लिया और आखिर में “पंज प्याले पंज पीर छठम पीर बैठा गुर भारी” शब्द का गायन किया और गुरु हरगोबिंद साहिब जी के जीवन से संबंधित इतिहास का जिक्र किया उन्होंने कहा कि गुरु हरगोबिंद साहिब पातशाह के समय में जुल्मी हुकूमत थी और अच्छे विचार वाले सच्ची विचार वाले लोग जुल्मों का शिकार थे जुल्म की तलवार के आगे सच की विचार की जगह नहीं थी, गुरु हरगोविंद पातशाह जी ने एक परमेश्वर से जुड़ने के लिए और दूसरा जुर्म को रोकने के लिए दो तलवारों को धारण किया जिनको कहते हैं मीरी व पीरी की दो तलवारें, इसीलिए गुरु हरगोबिंद साहिब जी को मेरी पीरी का मालिक कहा जाता है जिन्होंने परोपकार करते हुए ग्वालियर किले में कैद 52 राजाओ को रिहा करवाया इस करके सतगुरु को दाता बंदीछोड़ भी कहा जाता है जयकारों की गूंज के बीच समूह संगत ने बहुत ही भक्ति भाव से कीर्तन का आनंद लिया इस कार्यक्रम को फेसबुक के माध्यम से भी प्रसारित किया गया जिसे अनेक संगत ने अपने घरों में बैठकर श्रवन किया वह आनंद लिया कार्यक्रम के उपरांत गुरु के अटूट लंगर का वितरण हुआ विशेष रूप से मिस्सी रोटी, मक्खन, लस्सी का वितरण किया गया गुरुद्वारा प्रमुख भाई हरजिंदर सिंह जी ने सभी का धन्यवाद दिया इस प्रोग्राम में विशेष रुप से बंटी ग्रोवर जी, संजय जट्टाना जी, गुरमीत सिंह सेठी, सतीश सिंह अरोड़ा रोहित कत्याल ,अशोक अरोड़ा, कुलदीप सिंह लखानी आदि गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही,