लखनऊ (DVNA)। प्राइवेट स्कूलों पर अधिक फीस वसूलने का आरोप लगाकर धक्केशाही का शिकार होने वाले अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। जो स्कूल खुद को घाटे में चलता हुआदिखाई देते हैं अब उनका सच सबके सामने आने वाला है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में बड़ा फैसला लेते हुए प्राइवेट स्कूलों को अब सूचना के अधिकार के दायरे में लाने का आदेश जारी किया गया है। इस बाबत राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने अपने आदेश में निजी स्कूलों को कहा है कि वे अपने यहां जन सूचना अधिकारियों की नियुक्ति करें। राज्य के इन निजी स्कूलों के सूचना के अधिकार के दायरे में आने का ये अर्थ होगा कि कोई भी व्यक्ति स्कूल की फीस, संचालन में खर्च, विद्यालय में खर्च संबंधी जानकारी स्कूलों से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त कर सकेगा।स्कूलों को ये जानकारियां अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होंगी। दरअसल ऐसे निजी विद्यालयों में जन सूचना अधिकारी की भी व्यवस्था की जाएगी। अब तक निजी विद्यालय राज्य की ओर से वित्त पोषित न होने को आधार बनाकर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना नहीं देते थे। पर अब आयोग ने कहा है कि अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम पारित होने के बाद सभी विद्यालय इसी अधिनियम में आते हैं।
उधर, उत्तराखंड में अगर आप निजी स्कूल से कोई सार्वजनिक सूचना लेना चाहते हैं तो अब आप आसानी से सूचना प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश के सभी निजी स्कूल अब सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में आएंगे। ऐसे में निजी स्कूलों को आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली सभी सूचनाएं देनी होंगी।
इस शख्स ने दायर की थी अपील
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