प्रयागराज-DVNA। इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रयागराज जिला अध्यक्ष राधे कृष्ण तिवारी ने लखनऊ में भारत समाचार और दैनिक भास्कर के कई दफ्तरों में आईटी के छापेमारी की कार्रवाई को लेकर नाराजरी जताई है।
आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में दैनिक भास्कर और हिंदी समाचार चौनल ‘भारत समाचार’ के खिलाफ कई शहरों में छापेमारी की। भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद, नोएडा और देश के कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी अभी जारी है। भारत समाचार के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्रा के घर पर भी। छापेमारी की गयी
तिवारी ने कहा यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या नहीं है? क्या यह लोकतंत्र का डेथ वारंट नहीं है? भारत और यहां के लोगों को जवाब चाहिए।
मीडिया की स्वतंत्रता महज लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देती है। यह बात सुनने में अटपटी लग सकती है, लेकिन अब यह प्रमाणित हो रहा है कि मीडिया की स्वतंत्रता से भी अर्थव्यवस्था का सीधा सम्बन्ध है। प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले, पत्रकारों को जेल में डालना, घरों पर छापा मारना, प्रिंटिंग प्रेस को बंद करना, या डराने-धमकाने के लिए मानहानि के मुकदमे दायर करना आदि आर्थिक विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। सरकार द्वारा मीडिया की आवाज को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा, मानहानि, राजद्रोह, हेट स्पीच कानून के साथ-साथ अदालत की अवमानना जैसे कानूनों का सहारा लिया है।
भारत में मीडिया ने लोकतांत्रिक परंपराओं और जनतंत्र की रक्षा के लिए निस्वार्थ अपना बढ़-चढ़कर योगदान दिया है। लोकतंत्र के रक्षक और समाज के सजग प्रहरी के रूप में पत्रकारों ने अपनी भूमिका का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है ।किंतु गत कई वर्षों से पत्रकारों के साथ आए दिन संगीन वारदातें हो रही हैं। कहीं अराजक तत्वों द्वारा पत्रकार की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। तो कहीं शासन और प्रशासन के लोग पत्रकारों पर टूट पड़ते हैं। पत्रकार को जहां सम्मान मिलना चाहिए वहां उनका अपमान किया जा रहा है।
तिवारी ने प्रदेश और केंद्र सरकार से मांग की है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अस्तित्व पूरी तरह से खतरे में है। इसपर जल्द से जल्द सरकार को ठोस कदम उठाना होगा और उनकी रक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी।
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