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जो लोग सेना का सम्मान नहीं करते, उन्हें सम्मान करना सिखाना है -लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल

आगरा ,कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि बहादुरी हमारी रगों में है। हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमें हमारे देश की सेवा करनी है और जो सेवा कर रहे हैं उनकी इज्जत करनी है। जो लोग सेना का सम्मान नहीं करते उन्हें समझाना है और सिखाना है, यह हमारा कर्तव्य है। भारत वीर योद्धाओं की भूमि है। भारत ने हमेशा कड़ा संघर्ष किया है और दुश्मनों को हमेशा धूल चटाई है।

कारगिल विजय दिवस भारत में हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 में कारगिल दिवस को 22 वर्ष पूरे हो गए। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था जिसमें भारत को विजय प्राप्त हुई थी। तब से हर साल भारत की इस जीत को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

परिचर्चा का संचालन कैरेट अरविंद चौहान ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन नंदिनी पवार ने किया।

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में कैडेट्स ने देश भक्ति से ओत-प्रोत कविताएं भी प्रस्तुत की-

लॉन्स कॉरपोरल आराध्या चौधरी ने कविता पढ़ते हुए कहा कि
“मुझे न तन चाहिए न धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए।
जब तक जिंदा रहूं इस मातृभूमि के लिए,
और जब मरु तो तिरंगा कफ़न चाहिए”।।

कैडेट कीर्ती कुमारी ने कहा
“गीली मेहदी रोयी होगी चुप कर घर के कोने में
ताजा काजल छूटा होगा चुपके चुपके रोने में।
जब बेट की अर्थी आई होगी सुने आंगन में
सायद दूध उतर आया होगा बूढ़ी मां के दामन में।।”

यूओ हिमांशु वशिष्ठ ने बोलते हुए कहा कि
हम से मिलने में खौ़फ -ए- मुलाकात दुश्मन को बस इस बात का रहता है।
कि जमीन है हिंदुस्तान की, यहां हर कोई वतन पर मरने वाला सिरफिरा पैदा होता है ।।

कैडेट नंदनी पवार ने कहा
“कि अगर मंजिल में तिरंगे को सलाम ना हो,
तो ऐसी राहों पर चलना छोड़ दूं ।
गर मिल जाए कफन की जगह तिरंगा मुझे,
तो ऐसी शहीदी पाने को मैं सारे तख्तो ताज छोड़ दूं।।”

कैडेट रोहित सिंह सिकरवार ने कहा
“मैं भारत का सम्मान करता हूं |
इसका गुणगान करता हूं |
मौत से डरता नहीं हूं |
तिरंगा कफन बने मेरा
यही कामना करता हूं।”

लॉस कॉरपोरल प्रिया सिकरवार, रितेश परिहार, कनिका, कैडेट गुंजन, रिवांशी, डौली, शशी, दीप्ति, लकी ने विचार रखे।

परिचर्चा में अंडर ऑफिसर हिमांशु वशिष्ठ, तनिष्का माथुर, कैडेट महिमा चौधरी, अंजलि ,सानिया कुमारी आदि उपस्थित रहे।