लखनऊ (DVNA)। बीकेटी क्षेत्र के स्कूल लगभग 1 वर्ष से प्राथमिक विद्यालय व इंटर कॉलेज बंद होने के कारण छात्र एवं छात्राओं सुचारू रूप से छात्रों को शिक्षा सुविधा न मिलने से अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हो रहे है।ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई से चंद छात्र एवं छात्राएं ही लाभान्वित हो पा रहे हैं। फलत: अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित हैं। वित्तविहीन विद्यालयों के हजारों शिक्षक व शिक्षिकाएं बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
क्षेत्र के अभिभावक सीताराम ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई होने से देहात क्षेत्र के 60 फीसदी बच्चों को मोबाइल फोन उपलब्ध न होने से भी शिक्षा का लाभ नहीं ले पा रहें है। यहां पर नेटवर्क की समस्या से छात्र एवं छात्राएं जूझा करते हैं। इसके अलावा रामदेव सोनू शैलेंद्र रिंकी उर्मिला उषा तथा अन्य दर्जनों अभिभावकों ने शिक्षा को लेकर समस्याओं के बारे में अवगत कराया।जिसमें रामा कान्वेंट स्कूल हनुमंत पुर रामा देवी कुम्हरावा, पीएल स्टैंडर्ड इंटर कॉलेज इटौंजा, एसएस पब्लिक स्कूल बख्शी का तालाब लखनऊ चंद्र शेखर पब्लिक इंटर कॉलेज,महिंगवा तथा दर्जनों ऐसे वित्तविहीन विद्यालय हैं जहां के शिक्षक 1 वर्ष से बेरोजगार हैं। उन्हें इन विद्यालयों से वेतन नहीं मयस्सर हो पा रहा है। उनकी आर्थिक दशा इतनी बदतर है कि अपने बच्चों को 2 जून के निवाले का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है।
प्रबंधकों का कहना है कि जब छात्र फीस नहीं देते हैं तो हम वेतन कहां से दें। इस प्रकार इन विद्यालयों में कार्यरत लगभग चार हजार से अधिक शिक्षक बेकार हैं। और लगभग दस हजार छात्र एवं छात्राओं का भविष्य अंधकार में है।इसी क्रम में एक छात्रा सिमरन राजभर ने बताया कि मेरे पास मोबाइल न होने के कारण मैं ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई से वंचित हूं। इसी क्रम में छात्रा कोमल रावत ने बताया कि ऑनलाइन की पढ़ाई समझ में नहीं आती है। इससे ऑनलाइन की पढ़ाई बच्चों के लिए मुफीद नहीं है। इसके अलावा छात्र प्रियांशु मुलायम यादव सचिन सिंह ने अपना दुख दर्द बयां किया।अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि छात्रों की पढ़ाई को मद्देनजर रखते हुए विद्यालय खोल दिए जाएं और प्रबंधक को कोविड-19 के प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करने का सख्त निर्देश दे ताकि शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके ।
कोचिंग संचालकों ने चालू की कोचिंग इटौंजा क्षेत्र में कोचिंग संचालकों ने कोरोना वायरस अनदेखा करके बेखौफ कोचिंग चला रहे हैं। उनका कहना है कि परिवार के लिए रोटी के लाले पड़े हैं। जिससे संचालकों ने कोचिंग चलाना शुरू कर दिया है।यदि शासन कोई कार्रवाई करता है तो कम से कम 2 जून की रोटियां नसीब हो सकेंगी।बाक्स -शिक्षा विभाग के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन अनुराग सिंह राठौर ने बताया ई पाठशाला के माध्यम से परिषदीय बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया है। जिनकी नियमित रुप से एआरपी द्वारा मानीटिरिंग की जा रही है।
Auto Fetched by DVNA Services
Comment here