कानपुर (DVNA)। आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार के माध्यम से अंत्योदय की परिकल्पना साकार होगी। कानपुर इस पहल का बड़ा माध्यम बनेगा। यह परिकल्पना पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने शुरू की थी, जिनका कानपुर से बड़ा लगाव था। कोरोना की पहली लहर के चरम पर पूरे देश की चिंता यूपी को लेकर थी,लेकिन प्रदेश सरकार ने जनसहभागिता के दम पर इस पर काबू पाया। कोरोना काल में प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने बहुत अच्छा काम किया है। दूसरी लहर में गांवों में इनके योगदान की वजह से कोरोना से हालात नहीं बिगड़े। यूपी के इस आंगनबाड़ी मॉडल को कई राज्यों ने अपनाया। यह बात बुधवार को आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को स्मार्ट बनाने और उच्च शिक्षा की ओर से प्रेरित करने के उद्देश्य से छत्रपति शाहू जी महाराज विश्विद्यालय (सीएसजेएमयू) कानपुर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा केन्द्रो को समाज के साथ जोडऩे में प्रदेश का राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की अहम भूमिका रही है। बिना सरकारी मदद के यह कार्य प्रदेश के तमाम कॉलेज वाले कर रहे हैं। आंगनबाड़ी में तीन से पांच साल तक की बच्चे आते हैं। प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि कायाकल्प के माध्यम से स्कूल के साथ आंगनबाड़ी को जोड़ा जाए। अब यह केंद्र किराये पर नहीं होंगे। इनका अपना भवन होगा। सरकार ने प्रथम चरण में यह बीणा उठाया तो राज्यपाल के आह्वान पर प्रदेश भर के कॉलेज मदद को आगे आने लगे। प्रदेश सरकार हल हाल में आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा सम्पन्न बनाएगी।
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