मथुरा (DVNA)। वित्तविहीन विद्यालयों के संचालक चाहते हैं कि अब सरकार बच्चों को स्कूल आने की अनुमति दे। इनमें भी देहात क्षेत्र में संचालित विद्यालयों की संख्या ज्यादा है जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे अध्यनरत हैं। सरकार की ओर से किसी तरह की रोक नहीं होने के बावजूद इन विद्यालयों में पढने वाले बच्चे फीस देने के लिए तैयार नहीं है। इसकी वजह भी ऐसे विद्यालयों के संचालक बताते हैं,
गोविंदराम शर्मा के मुताबिक इन विद्यालयों में पढने वाले छात्रों की बडी संख्या ऐसे है जो आन लाइन स्टडी से नहीं जुड पाई है, इसके लिए एण्ड्राइड फोन की जरूरत होती है जो इन बच्चों के लिए खरीदना संभव नहीं है। लम्बे समय से बच्चे स्कूल और शैक्षणिक कार्यों से दूर हैं। विद्यालय संचालकों को आर्थिक हानि हो रही है यह ठीक है लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उन बच्चों का हो रहा है जिन्हें लम्बे समय से अध्ययन से दूर हैं।
भूदेव प्रसाद गर्ग कहते हैं कि स्कूल प्रबंधन की कमाई का कोई जरिया नहीं रह गया है। सरकार को चाहिए कि वह स्कूल के बिजली के बिलों पिछले 18 महीने के बिलों को घरेलू कनेक्शन में परिवर्तित कर वसूले।
इस तरह के तमाम मुद्दों को लेकर छाता क्षेत्र में वित्तविहीन स्कूलों के प्राचार्य और प्रबंधकों की एक बैठक अमर ज्योति हाईस्कूल नरी पर हुई। वित्तविहीन स्कूल प्रधानाचार्य महासभा के जिलाध्यक्ष कैलाश पचौरी ने कहाकि सरकार लगातार स्कूलों को बंद रख कर हमारे ऊपर अत्याचार कर रही है। सरकार जल्द स्कूल खोले इसके लिए हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। जल्द ही जिला मुख्यालय पर अंदोलन शुरू किया जाएगा।
इस दौरान अमित कुमार, नीरज शर्मा, कैलाश, भूदेव प्रसाद गर्ग, विपिन शर्मा, लक्ष्मीनरायण, देवराज दीक्षित, पप्पू सिंह, यशपाल सिंह, विष्णु, हेमंत सिसोदिया आदि मौजूद रहे।
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