लखनऊ (DVNA)। उ0प्र0 सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाकर ग्रामीणों को मुफ्त राशन वितरण करने का प्रचार प्रसार कर रही है जिसमे प्रत्येक राशन कार्ड धारक को प्रति यूनिट के हिसाब से निशुल्क राशन वितरण होना है जबकि वास्तविकता में स्थिति बिल्कुल इसके उलट है। कोटेदारों की मनमानी के चलते ग्रामीणों को राशन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इसकी कई बार शिकायत गांव के प्रधान एवं उपजिलाधिकारी सदर लखनऊ से की है।
काकोरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत सैदपुर मेहरी के मजरा मोहद्दीनपुर के रहने वाली फूलमती ने बताया की उन्हें करीब 1 साल से सिर्फ 20 किलो राशन ही दिया जा रहा है जबकि उनके राशन कार्ड में यूनिट की संख्या 6 है इससे उन्हें 30 किलो राशन मिलना चाहिए था। कोटेदार ने गरीब जनता को तो लूटा ही लूटा दिव्यांग मुन्ना लाल लोधी को भी नही बक्शा जो पैर से दिव्यांग है उसको खाने का एक मात्र साधन सरकारी राशन से मिलने वाला अनाज ही है लेकिन कोटेदार दिनेश कुमार उनको राशन नही देता है जिससे दिव्यांग ने अब अपना राशन कोटे दार से लेना ही बंद कर दिया है।
केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से गरीब लोगों को सस्ता राशन देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चल रही है पर राशन कोटेदार माफियाओं के आगे सरकार की सभी व्यवस्थाएं फेल हैं। यूपी में योगी सरकार बनने के बाद लोगों को ऐसा लग रहा था कि कोई भी भ्रष्ट अधिकारी अब बच नहीं पाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से साफ निर्देश भी जारी हुए। बावजूद इसके जिले में कई स्थानों पर आज भी राशन माफिया की तूती बोल रही है। शिकायतें होतीं है पर उन्हें दबा दिया जाता है। ग्रामीण राशन उपभोक्ताओं का कहना है कि कोटेदारों की मनमर्जी के चलते उन्हें कई-कई माह तक राशन नहीं मिलता है कुछ को मिलता है तो उनको पूरे यूनिट का राशन नही दिया जाता हैं। अनिता ,अंकिता,श्यामा,कमलावती ,रूबी,गंगाप्रसाद, विटाना, मालती देवी,तौफीक सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोटेदार कभी राशन कार्ड में कमी तो कभी अपात्र कह कर उन्हें टरका देते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार के कार्यक्रम में हम गरीबों को मुफ्त राशन वितरण कार्यक्रम में भी गरीबों को नही बक्शा गया जो राशनकार्ड वितरण करते हुए राशनकार्ड के नाम पर 20 रुपये वसूल लिए गए जबकि राशनकार्ड की किताब पर प्रिंट मात्र 10 रुपये ही है।
साधन सहकारी समिति मुबारक पुर की राशन दुकान पर वितरण करता रमेश ने अंतोदय का कार्ड वालो भी पूरा अनाज नही देने की बात सामने आई। अंत्योदय कार्ड धारक को 35 किलो राशन मिलता है लेकिन कोटेदार की मनमानी के चलते उन्हें कभी 20 किलो राशन तो किसी माह 25 किलो ही राशन देकर टरका दिया जाता है । कार्ड धारकों ने यह भी आरोप लगाया कि कोटेदार द्वारा घटतौली भी की जाती है । ग्राम पंचायत सैदपुर मेहरी कोटेदार दिनेश कुमार की दुकान में कुल कार्डधारक 668 और पहिया आजमपुर की राशन दुकान भी अटैच होने के कारण इस गांव के भी कुल राशनकार्ड 412 मिलाकर कुल राशनकार्ड 1079 होते है। इस हिसाब से यदि कोटेदार दिनेश ने 800 लोगों को भी अगर 5 किलो अनाज कम देता है तो इस हिसाब से 40 कुंतल गरीबों के अनाज को कोटेदार दबा रहा है। 40 कुंतल गेंहू की कीमत बाजार में 15 रुपये के हिसाब से 60 हजार रुपये बनती है जो एक सरकारी नौकरी करने वाले से भी अधिक प्रतिमाह कोटेदार कमाता है। इस विषय मे जब कोटेदार रमेश से बात की गई तो वो गोदाम से ही कम राशन मिलने की बात कहने लगा।
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