सिसवा बाजार-महराजगंज-DVNA। कुर्सी को बचाने के लिए रागिनी जायसवाल ने तमाम प्रयास कर कुर्सी बचानी चाही लेकिन न्यायालय ने इनकी याचिका को खारिज कर इनके सपने को चूर-चूर कर दिया।
बताते चले कि 31 दिसम्बर 2019 को सिसवा बाजार को नगर पालिका बनाए जाने की अधिसूचना राज्यपाल द्वारा जारी की गयी, जिसमें 22 राजस्व गांवों के 17 ग्राम पंचायतों को समायोजित किया गया, वही नगर पंचायत द्वारा अध्यक्ष चुनी गयी रागिनी जायसवाल नगर पालिका परिषद घोषित होने के काफी समय तक अध्यक्ष पद पर काबिज रही ऐसे में सबया ग्राम निवासी अनूप कुमार पाठक आदि ने जनहित याचिका दायर की और नगर पंचायत बोर्ड भंग करने एवं प्रशासक नियुक्त करने की न्यायालय में रिट की। इस याचिका पर 8 फरवरी 2021 को फैसला आया और जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर जल्द चुनाव प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया गया। इसके बाद यहां पर नियमों के मुताबिक नगर पंचायत अध्यक्ष चुनी गयीं जगदीश जायसवाल की पत्नी रागिनी जायसवाल को कुर्सी छोड़ना पड़ा और इसके साथ ही यहां पर पीसीएस अधिकारी अविनाश कुमार को नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त कर दिया गया।
कुर्सी से हटना रागिनी जायसवाल को रास नहीं आयी और न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ रागिनी जायसवाल ने न्यायालय में रिट याचिका दायर करते हुए कहा चूंकि इस नगर पंचायत का विस्तार कर नगर पालिका बनाया गया है और वादी चुनी हुई प्रतिनिधि है इसलिए अगले चुने हुए प्रतिनिधि के आने तक पद पर बने रहने दिया जाये।
जिसकी सुनवाई जस्टिस सुनीता अग्रवाल एवं साधना रानी ठाकुर की डबल बेंच की खंडपीठ ने की। तमाम दलीलों को सुनने के बाद इस रिट को खारिज कर दिया गया और कुर्सी वापस पाने पर पानी फिर गया।
9 अगस्त को पारित आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश और अधिनियम की धाराओं के तहत प्रशासक की नियुक्ति के जिलाधिकारी के निर्णय को चुनौती नही दिया जा सकता ऐसे में रिट याचिका खारिज की जाती है।
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