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ऑल इण्डिया जमियतुल कुरैश उत्तर प्रदेश ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को समस्याओं को लेकर दिया ज्ञापन

नई दिल्ली, ऑल इण्डिया जमियतुल कुरैश उत्तरप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर हाजी युसूफ कुरैशी (एडवोकेट) के नेतृत्व में कुरैश समाज के सैंकड़ों लोगों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को कुरैश समाज से संबंधित समस्याओं का एक ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में कहा गया है कि आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के माँस, हड्डी, चमड़ा व्यापारियों की समस्याओं और उनके उत्पीडन की ओर आकर्षित करते हुए अवगत कराना है कि स्थानीय निकाय द्वारा संचालित पशु वधशालाओं को सरकारी तंत्र की ओर से बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये प्रदेश के समस्त जनपदों में बन्द कर दिये गये हैं। जिससे प्रदेश भर में मुर्गा अण्डा, बकरा और भैंस के मीट की तमाम दुकाने बन्द हो गयी हैं। प्रदेश की कुल आबादी लगभग आधी से अधिक आबादी माँसाहारी है। फिर भी स्थानीय निकाय वाले पशु वधशालाएं बन्द होने के कारण मांसाहारी लोगों को उनके रुचि पूर्ण भोजन नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे उनमें सरकार के प्रति भी रोष व्याप्त हो रहा है। कुरैश बिरादरी के साथ ही मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों को अनायास ही पुलिस उत्पीड़न का शिकार होने पर विवश होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुरानी वधशालाओं को बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये ही बन्द कर दिये। जिससे माँसाहारियों की स्थानीय आपूर्ति बन्द हो जाने के कारण ऐसी समस्या उत्पन्न हो गयी।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यदि मॉस व्यापारी निर्यातक निजी क्षेत्र के माध्यम से पशुवधशाला का निर्माण एवं माँस व्यापार मीट पैकेजिंग मार्केटिंग का कारोबार शुरू करते हैं तो प्रदेश की पूर्व सपा सरकार की नीतियों शासनादेशों के अनुसार उन्हें प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। जिसके लिए प्रदेश नियंत्रण बोर्ड जिलाधिकारी द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रमाण पत्र माँगता है परन्तु जिलाधिकारी उसे इतना जटिल बना देते हैं कि विभाग उत्तर प्रमाण पत्रों की आख्या हेतु अनावश्यक अग्निशमन, राजस्व, नगर निगमों, छावनी परिषदों, स्थानीय निकाय, लोक निर्माण, सिंचाई, विद्युत और उद्योग विभाग सहित अन्य विभागों से रिपोर्ट मंगाते हैं। जिससे जिलाधिकारी की अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में वर्षों का समय लग जाता है और निजी क्षेत्र के कारोबारी अपना व्यवसाय आरम्भ नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त जनपदों में अधिकांश प्लान्ट बन्द करा दिये। जिस कारण व्यापार से जुड़े लाखो लोग बेरोजगार हो गये हैं तथा अवैध पशु कटाने के आरोप में कुरैश बिरादरी अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को पुलिस उत्पीडन का शिकार होने पर बाध्य होना पड़ रहा है। जिस कारण प्रदेश के समस्त जनपदों में मीट की समरत दुकाने व माँसाहारी भोजनालय बन्द हो गये हैं। इससे भी प्रदेश भर में लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं। इसलिए काँग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी से करबद्ध प्रार्थना है कि उल्लेखनीय प्रक्रिया को शिथिल कराने के साथ साथ कुरैश बिरादरी जिनका ये पैतृक व्यवसाय है को निजी क्षेत्र में पशु वधशाला का निर्माण एवं माँस व्यापार मीट पैकेजिंग मार्केटिंग हेतु उसी प्रकार की आसानी उपलब्ध कराये जाने जैसे प्रदेश के अन्दर अन्य उद्यमियों व्यवसायिओं को सरकार पूंजी निवेश हेतु आकृर्षित किया जाता है इसका लाभ भी गोश्त, चमडा, हड्डी और चर्बी व्यवसाय करने वालो को मिले ताकि कुरैश बिरादरी के लोग भी अपना पैतृक व्यवसाय सुगमतापूर्वक बिना भय एवं भेदभाव के कर सकें एवं प्रदेश की मुख्य धारा से जुड़ सकें तथा मॉस की दुकानों के लाईसेंस की नवीनीकरण एवं नये लाइसेंस बनाने के आदेश सुगमतापूर्वक बिना भय एवं दुकानों के लाइसेंस की नवीनीकरण एवं नये खानीय निकायों को पूर्व की भांति निर्गत करने एवं प्रदेश के प्रत्येक जनपदों में आधूनिक प्रवाशालाओं का निर्माण कराने का वादा अपने घोषणा पत्र में करने का कष्ट करें।
इस दौरान हाजी शकील कुरैशी, चौधरी आले उमर, अशफाक कुरैशी, डाक्टर सईद अहमद, हाजी फजलू हसन, गुलाम वारिस कुरैशी, इरफान कुरैशी, सरताज अनवर, मेराजुद्दीन, हाफिज वसीम, हाजी शमीम कुरैशी, हाजी शहजाद कुरैशी, शाहिद महमूद मेरठ और हाजी इमरान कुरेशी आदि उपस्थित रहे।