महराजगंज-DVNA। कोठीभार थानाक्षेत्र के सोनवर्षा में बगैर लाइसेंस के चल रहे हास्पिटल ने महिला की मौत के मामले में अभी भी स्वास्थ्य विभाग मौन है, 17 दिन गुजर जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम उस अवैघ हास्पिटल पर न ही जांच करने पहुंची और न ही कोई कार्यवाही किया, जिससे स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है, ऐसे में लगता है कि अवैध हास्पिटलों को संचालन स्वास्थ्य विभाग की साठ-गांठ से चलता है, चर्चा तो अब यह भी होने लगी है कि जब कि क्या मौत पर कमीशन खाते है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी? वही कोठीभार पुलिस ने संचालक के विरूद्व मुकदमा दर्ज कर अपनी कार्यवाही कर रही है।
बताते चले कि कोठीभार थानाक्षेत्र के ग्राम सोनवर्षा में मुख्य मार्ग पर सावित्री हास्पिटल में बगल के ग्राम चौनपुर निवासी 45 वर्षीय पानमति देवी पत्नी छट्ठू प्रसाद का 6 अगस्त शुक्रवार को पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन किया गया, कि दो दिन बाद 8 अगस्त दिन रविवार की सुबह हास्पिटल में ही मौत हो गयी, मौत की जानकारी मिलते ही मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामिण पहुंच गये और हंगामा करने लगे, इधर मैनेज का भी खेल शुरू हो गया कि फर्जी ढ़ंग से चल रहे हास्पिटल को बचाया जा सके लेकिन सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची कोठीभार पुलिस ने शव को कब्जे में लेना चाहा लेकिन ग्रामिणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। कोठीभार थानाध्यक्ष धनवीर सिंह ने काफी प्रयास के बाद शव को कब्जे मे लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
इस मामले में कोठीभार पुलिस ने मृतिका पानमति के पुत्र राकेश की तहरीर पर अवैध हास्पिटल के संचालक रामेश्वर गौंड के विरूद्व धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम जिसके जिम्मे ऐसे अवैध हास्पिटलों के संचालन को रोकना व कार्यवाही करना है, घटना के 15 दिन गुजर जाने के बाद भी नही पहुंची और न ही कोई कार्यवाही किया, ऐसे मे स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है कि आखिर अब तक इस अवैध हास्पिटल व संचालक के साथ यहां मौत देने वाले डाक्टर के विरूद्व कोई क्यों नही किया।
यहां कार्यवाही की बात तो दूर अब तक इस अवैध हास्पिटल की जांच करने का जहमत तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नही उठाया ऐसे मे कार्यवाही तो बड़ी बात होगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक कोई कार्यवाही ने किये जाने से अब लोगो ंमे ंचर्चा बन गयी कि कहीं स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों के मिली भगत से तो नही यह अवैध हास्पिटल का संचालन हो रहा था और स्वास्थ्य विभाग सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी लगाये हुए है। चर्चा तो अब यह भी होनेे लगी है कि क्या मौत पर कमीशन खाते है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी?
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