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इस्लामिया लोकल एजेंसी आगरा को वक्फ बोर्ड का नोटिस

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस्लामिया लोकल एजेंसी को नोटिस जारी किया है, नोटिस ताजदार आलम सहायक सचिव ,उ०प्र० सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, 3-ए. माल एवेन्यू, लखनऊ ने जारी किया है, नोटिस अन्तर्गत धारा 67(2) वक्फ अधिनियम संख्या 43 आफ 1995 मिनजानिब सहायक सचिव, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ
बनाम
1. हाजी मोहम्मद असलम कुरैशी पुत्र मो0 इस्लाम कुरैशी,
अध्यक्ष निवासी 21/32, धटिया मामू भांजा, आगरा।
2. श्री इकबाल अहमद पच्चे कार पुत्र काले खाँ,
खजांची निवासी धटिया मामू भांजा, आगरा।
3. श्री सेठ नईम पुत गुलाम मुईनुद्दीन,
सदस्य निवासी धटिया मामू भांजा, आगरा।

वाजेह हो कि आप वक्फ इस्लामिया लोकल ऐजन्सी संख्या-74 ता 94-आगरा की इन्तेजामिया कमेटी के अराकीन है। वक्फ के इन्तेजाम के सिलसिले में बाद तहकीकात मुकामी जरिया कार्यपालक अधिकारी बोर्ड हस्बुल हुक्म चेयरमैन साहब दिनांक 25.08.2021 आप पर मुर्दजा जैल इल्जामात आयद किये जाते है:-

1. यह कि वक्फ हाजा की कमेटी इन्तेजामिया मजकूर के अध्यक्ष के द्वारा वक्फ हाज़ा की आमदनी को बरबाद किया जा रहा है। तकरीबन 50 लाख से अधिक आमदनी वाले वक्फ पर अध्यक्ष कमेटी पर चन्द मेम्बरान कमेटी का कब्जा है तथा इसकी आदमनी को यह लोग अपने जाती मसारिफ में ला रहे है।
2. यह कि हर माह वक्फ की पाँच से 6 दुकानात की किरायेदारी तब्दील की जाती है और नजराना के तौर पर लाखों रूपया की रकम असलम कुरैशी की जेब में जाती है।
3. यह कि जामा मस्जिद के दक्षिण तरफ बेश कीमती जायदाद पर कबाड़ियों का कब्जा करा दिया गया है जहाँ पर एक बड़ी मार्केट बन सकती है।
4. यह कि वकफ का इन्तेजाम आमदनी के मुताबिक नहीं होता है। वक्फ की आमदनी का कोई हिसाब-किताब कमेटी के पास नहीं है। वक्फ का कोई बैंक एकाउन्ट नहीं है।
5. यह कि वक्फ की मस्जिद के अन्दर व बाहर गंदगी है तथा सफें फटी हुई है। मस्जिद के उत्तर जानिब तीन हाल नुमा कमरें है जिनमें मदरसा आलिया सरकारी अनुदान पर चल रहा है जिसके अध्यापकों की संख्या व तन्ख्वाह का रजिस्टर जाँच में नहीं दिखाया गया है जिससे मालूम होता है कि यह सारा काम फर्जी तरीके से किया जा रहा है।

अतः अज वसूलयाबी नोटिस हाजा अन्दर तीस दिन वजह जाहिर करें कि क्यों न मजकूरा बाला इल्जामात के पेशेनजर वक्फ हाजा की कमेटी इन्तेजामिया को जेरे दफा 67(2) वक्फ एक्ट 1995 बरतरफ कर दिया जाये। आपका जवाब अन्दर मुद्दत मौसूल न होने पर मुनासिब फैसला कर दिया जायेगा बादहू आपका कोई उज़ काबिले समाअत न होगा।