आगरा :कोरोना महामारी के कारण लोग घरों में सिमट गए हैं और पढ़ाई से लेकर नौकरी तक ऑनलाइन हो चुकी है। महामारी के दौर में पढ़ाई के लिए भी ऑनलाइन क्लासेस का ही सहारा लिया जा रहा है। वर्तमान परिदृश्य में साक्षरता सिर्फ अक्षर ज्ञान तक नहीं सिमटा है, आज चाहे वह छात्र हो या प्रोफेशनल अगर डिजिटल ज्ञान से वंचित है तो वह अपने करियर में काफी पीछे छूट जाता है।
लखनऊ स्थित गैर-लाभकारी संगठन मेधा ने हाल ही में यूपी, हरियाणा और बिहार में 7000+ पूर्व छात्रों के साथ एक महीने का सर्वेक्षण किया। सर्वे में 5 फीसदी युवाओं ने बताया कि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है। जिनमे से 80% लड़किया हैं। जबकि 9% युवाओं ने परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा साझा किए जाने के कारण, स्मार्टफोन तक अनियमित पहुंच की सूचना दी। सर्वे के दौरान विद्यार्थियों ने बताया की स्मार्टफोन की कमी उनकी शिक्षा और रोजगार को प्रभावित करती है।
मेधा पिछले एक दशक से युवाओं के रोज़गार की चुनौतियों का समाधान निकाल रही है। फोन वितरण योजना यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि युवाओं को तत्काल अध्ययन और उनकी रुचियों का पता लगाने की जरूरतें पूरी हों।
वंशिका ने कहा कि “स्मार्टफोन की कमी के कारण, मैं कोई भी ऑनलाइन कोर्स नही कर पा रही थी। साथ ही, मुझे ऑनलाइन इंटर्नशिप या नौकरी के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पाती थी। फोन की मदद से, अब मैं आसानी से ऑनलाइन क्लास करने के साथ नौकरी के अवसरों का लाभ उठा पाऊँगी।”
इस पहल से उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा के 46 युवा लाभान्वित हुए हैं, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत लड़कियां हैं। आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज की बीबीए अंतिम वर्ष की छात्रा स्नेहा भारद्वाज और बी.डी. जैन गर्ल्स पीजी कॉलेज की बी ए अंतिम वर्ष की छात्रा अमरीन व दूसरे वर्ष की छात्रा वंशिका बघेल को स्मार्टफोन मिला।
सेंट जॉन्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस. पी. सिंह और बी.डी. जैन गर्ल्स पीजी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मीरा अग्रवाल जी ने छात्राओं को स्मार्टफोन देनेमें अहम भूमिका निभाई है। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. एस. पी. सिंह ने मेधा के इस प्रयास को सराहा और कहा की डिजिटल दुनिया से जुड़ा रहना बहुतआवश्यक है –
“महामारी के दौरान डिजिटल विभाजन ने हमारे परिसर में छात्रों को भी प्रभावित किया है। नियमित कक्षाओं, परीक्षा में उपस्थिति और यहां तक कि सह-पाठयक्रम गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई है। हम मेधा के साथ साझेदारी करके खुश हैं। इस पहल से युवा लाभान्वित होंगे।”