महराजगंज-DVNA। जिले के सिसवा विकास खण्ड के ग्राम रामपुर खुर्द में मनरेगा योजना में लाखों का घोटाला सामने आया है, पिछले साल ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक व सेकेट्री ने मिल कर इंटरलाकिंग सड़क को ही खा लिया, यानी पक्का और मजदूरी का भुगतान तो हो गया लेकिन आज भी इंटरलाकिंग सड़क नही बनी है, ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इस लूट के खेल में इनके साथ कौन-कौन शामिल है, क्यों कि मनरेगा में कार्य से लेकर भुगतान तक कई कर्मचारियों के पास फाइल घुमती है। वैसे जांच हो तो कई कर्मचारियों पर गाज गिरेगी।
सरकार मनरेगा योजना के तहत गांव का विकास ही नही कर रही है बल्कि लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा रही है, जिससे गांव की तस्वीर के साथ ही गांव के लोगों की भी तस्वीर बदले लेकिन यहां तो ग्राम प्रधान और सेकेट्री अपनी तस्वीर बदलने में लगे हुए है, सिसवा विकास खण्ड के ग्राम रामपुर खुर्द में मनरेगा योजना में लूट का मामला सामने आया है, यहां सत्र 2020/21 में विशुनपुरा टोले पर मनरेगा योजना से प्रा0 पाठशाला से बेचन के खेत तक इंटरलाकिंग का कार्य कराया गया, जिस पर दिनांक 19-09-20 से 02-10-20 तक दो मस्टरोल संख्या 13439 व 13440 पर कुल 29557 रूपया मजदूरी खर्च किया गया, व तीन फर्मों क्रमशः चौरसिया ईंट उद्योग को 116483 रूपया, सत्यम टेªडर्स रतनपुर को 84584 रूपया व विश्वास इंटरप्राईजेज को 134520 रूपया का भुगतान मनरेगा वेवसाइट पर दर्ज है। यानी मजदूरी और सामग्री पर कुल 365144 रूपया खर्च किया गया लेकिन यहां आज तक इंटरलाकिंग सड़क बनी ही नही।
जब हमारी टीम प्रा0 पाठशाला के पास पहुंची और हकीकत देखी तो होश उड़ गये, प्रा0 पाठशाला से बेचन के खेत तक पानी भरा हुआ था, इंटरलाकिंग सड़क का नाम ही नही था।
वैसे इस मामले की शिकायत गांव की लोगों ने उच्चाधिकारियों से की है, लेकिन सवाल उठता है कि तत्कालिन ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक और सेकेट्री नीरज सिंह सहित विकास खण्ड के संबंधित अधिकारी मिल कर पूरी सड़क को ही खा गये, यानी विकास की आड़ में फाइलों में इंटरलाकिंग सड़क बना कर लाखों रूपया लूट लिया।
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