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परमात्मा से साक्षात्कार महिला-पुरूष किसी जाति धर्म द्वारा सच्ची भक्ति सेः अशोक गाफिल

अजमेर । परमात्मा से साक्षात्कार करने के लिए कोई भी महिला पुरूष जो कि किसी भी जाति धर्म को मानता हो सच्चे ह्रदय से आराधना करके साक्षात्कार कर सकता है।भारत देश के महापुरूषों-सन्तो की स्मृति को निरन्तर कायम रखने से उस देश और समाज की सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है।उपरोक्त विचार बाबा हरदयाल दरबार ठठेरा चैक के महन्त अशोक गाफिल ने सिन्ध की महान भक्तियाणी रत्नादेवी उदासी के स्मृति दिवस पर आयोजित अपने सत्संग प्रवचनो में दी।
पूज्य सिनधी पंचायत अजमेर के तत्वावधान मे आयोजित कार्यक्रम में महासचिव रमेश लालवानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने देश के सन्तो महापुरूषो शहीदो और महान लोगो को उनकी स्मृति को कायम रखने के लिए आयोजन करते रहें।
चालीहा मेला कमेटी के अध्यक्ष और अजयमेरू सेवा समिति के अध्यक्ष किशोर विधानी ने बताया कि सिन्धी पंचायत अजमेर द्वारा परम्परागत त्यौहार मनाये जाने के क्रम में माता भक्तियाणी रत्नादेवी उदासी के स्मृति दिवस को मनाया जाना भी सराहनीय कदम है।किशोर विधानी ने बताया कि रत्नादेवी उदासी ने आजीवन लोगो को भक्ति मार्ग पर चलना सिखाया।पूज्य झूलेलाल साहिब के बहिराणा मण्डली के भगत नारायणदास भोजवानी,सन्त अमर लाल,सन्त प्रकाश गाफिल,जयकिशन वतवानी तथा अन्य ने महन्त अशोक गाफिल का अभिनन्दन किया।इससे पूर्व बाबा हरदयाल दरबार में सन्त प्रकाश गाफिल के सान्निध्य में गुरू ग्रंथ साहिब में साहिब का पाठ,अरदास,नित-नेम- आसा-की-वार और सुखमणी साहिब के पाठ के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी