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“गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए” हाईकोर्ट का टिप्पणी सराहनीय –  शहर काज़ी

फीरोज़ाबाद| शहर काज़ी सैय्यद शाहनियाज़ अली ने इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा कल बुधवार को व्यक्त की गई टिप्पणी की सराहना की है, जिसमें इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा कहा गया था कि गाय को कौमी जानवर करार दिया जाना चाहिये (राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिये)| शहर काजी ने कहा कि हिन्दुस्तान का दानिशवर तबका (बुद्धजीवि वर्ग) काफी पहले से इस मुताल्बा (माँग) को उठाता रहा है, परन्तु हुकूमत सुनती ही नही| गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किये जाने की माँग बतौर शहर काजी कई वर्षो से मैं भी कर रहा हूँ तथा इस सम्बंध में तमाम समाचार पत्रो में मेरे ब्यान भी प्रकाशित हुए| मेरा शुरू से मानना रहा है कि यदि गाय में किसी मज़हब का अकीदा (धार्मिक आस्था) जुड़ी है, तो उसे तत्काल राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए| लेकिन हुकूमत को इस सम्बंध में कोई दिलचल्पी ही नही है, क्योकि असल बात यह है कि यदि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया गया तो गाय पर होने वाली सियासत पर फुल स्टाप लग जाएगा और गाय के ज़िब्ह (गोहत्या) के नाम पर बेकसूर लोगो का उत्पीड़न रूक जाएगा| मुल्क की सियासी जमाते किसी की सगी नही है, उनके लिये सिर्फ और सिर्फ राजगद्दी व राजपाठ मे ही आस्था है, यदि हिन्दु संस्कृति व हिन्दु समाज की धार्मिक आस्था को बचाने के लिये गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया गया तो सियासी जमाते अपना गाय नामी सियासी अवसर खो देंगे| इससे साफ जाहिर है कि गाय को लेकर तमाम सियासी जमात दोहरी ज़ेहनियत (मानसिकता) अपनाते हैं, जोकि हमारे हिन्दु भाईयो की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ है| जिसकी में कड़े लफ्ज़ो में सख्त मज़म्मत (घोर निंदा) करता हूँ| गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के साथ ही गौहत्या पर सख्त कानून की वकालत करते हुए शहर काजी कहते हैं कि शरीयत में अपने मुल्क से मुहब्बत व वफादारी का हुक्म दिया गया है । देश में गाय का ज़िब्ह एक जुर्म है । जहाँ भी गौकशी होती है वो चोरी – छिपे की जाती है और चोरी छिपे किया जाने वाला कार्य गैर कानूनी है तथा चोरी से किये जाने वाले काम को शरियत में हराम करार दिया गया है। उन्होंने मुस्लिम समाज से आह्वान किया है कि वह गोमांस का सेवन कतई न करें और गो हत्या पर सख्त कानून का समर्थन करें ।

शहर काजी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 48 “जिसमें उल्लेख किया गया है कि गाय की नस्ल को संरक्षित किया जाएगा तथा गोहत्या पर रोक लगाई जाएगी” का पूर्ण पालन करत हुएे सभी राज्यो में गोहत्या रोकी जाए, फिर वो राज्य गोवा हो या उत्तर प्रदेश| शहर काजी ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्वंय कहा है कि “मुल्क के 29 राज्यो में से 24 राज्यो में गोहत्या प्रतिबंधित है”

शहर काजी ने कहा कि केन्द्र सरकार बताए कि बाकी 5 राज्यो में किस आधार पर ढिल दी जा रही है, क्या यह सियासी फायदे के लिये नही किया गया? शहर काजी ने कहा कि गाय को जल्द से जल्द राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए तथा जिस धर्म में मांस का सेवन प्रतिबंधित है उस धर्म के मानने वालो के लिये मांस के सेवन को जुर्म करार दिया जाना चाहिये, ताकि धर्म की रक्षा भी हो सके| गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने व गौहत्या पर सख्त कानून की वकालत के साथ ही शहर काजी ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग मुख्यमंत्री से करते हुए कहा धार्मिक स्थलों , स्कूल – कॉलेजों के पास से शराब दुकानों को तत्काल हटाया जाए|शहर काजी ने कहा कि शराब बिक्री को राष्ट्रीय अपराध घोषित किये जाने पर विचार किया जाए, क्योकि शराब इस्लाम के मानने वालो की सकाफत और यकीन (संस्कृति व विश्वास) को ठेस पहुँचाती है, शराब इस्लाम के मानने वालो की संस्कृति के खिलाफ है और हर मुसलमान के लिये शराब हराम है, यही मुसलमान की संस्कृति व यकीन है| लिहाज़ा शराब पर पूरी तरह रोक लगाकर कानून अमल में लाया जाए और माननीय हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि सकाफत और यकीन (संस्कृति व विश्वास) को ठेस पहुँचने पर मुल्क कमज़ोर होता है, जिस को आधार मानते हुए हुकूमते गौर फिक्र करें!