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बुखार का कहर : सरकारी अस्पतालों में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक मरीज भर्ती, एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज

कानपुर-DVNA। मच्छरों के प्रकोप से होने वाली बीमारियों के साथ वायरल फीवर,डायरिया के मरीज शहर में तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में भी मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। काफी मरीजों में डेंगू जैसे लक्षण हैं। उनकी प्लेटलेट्स काउंट कम आ रही हैं। शहर में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य महकमे ने अभी तक डेंगू का कंट्रोल रूम नहीं बनाया है। कानपुर में तैयारी पूरी नहीं की गयी है इसको लेकर प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग ने समीक्षा की तो हकीकत सामने आ गई। उन्होंने शनिवार को लापरवाही पर सीएमओ डाँ.नेपाल सिंह की भूमिका नाराजगी जाहिर की थी। लापरवाही इतनी कि,जागरूकता पंपलेट और पोस्टर तक नहीं छपे।
शहर में बुखार ने हाहाकार मचा रखा है। कल्याणपुर के कुरसौली गाँव 16 मरीजों में डेंगू की पुष्टि होने के बाद से हड़कंप मच गया है। वहीं वायरल फीवर के जो पेशेंट अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। बुखार का असर उनके किडनी और लीवर पर भी पड़ रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ एसके गौतम बताते हैं कि वायरल फीवर के जो पेशेंट आ रहे हैं। उनका एसजीपीटी,एसजीओटी का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। इसके अलावा क्रिटनिन का लेवल भी काफी ज्यादा मिल रहा है। वायरल फीवर में कोई विशेष प्रकार का वायरस या बैक्टीरिया एक्टिव है। इसका पता वायरोलॉजी लैब में ही चल सकता है।
डेंगू के कहर के बीच मरीज लगातार बढ़ रहे है। सरकारी अस्पतालों में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक मरीज भर्ती है। हैलट मैं 100 बेड बढ़ाए गए है। तो वही मेडिसिन इमरजेंसी छोटी पड़ गई है। बाल रोग विभाग में 24 बेड बढ़ाने के बाद 144 हो गए उसके बावजूद उसमें 183 मरीज भर्ती है। एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है। जितने मरीज डिस्चार्ज किए जा रहे है,उसके दोगुना भर्ती हो रहे है। उर्सला व केपीएम मैं भी बेड नहीं हैं। उर्सला इमरजेंसी से मरीज हैलट भेजे जा रहे है।

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