चित्रकूट (DVNA)। जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया कि रहस्यमयी बुखार एवं डेंगू मरीजों से निपटने को स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियों कर ली हैं। संचारी रोग नियंत्रण को मलेरिया विभाग ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नियमित फागिंग एवं एंटीलार्वा का छिडकाव करा रहा है।
शनिवार को जिलाधिकारी ने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों में आशायें निगरानी कर रही हैं। प्रत्येक ब्लाक, चिकित्सा इकाई में दो-दो सैनेटाइजेशन की टीमें लगी हैं। शहरी क्षेत्र में नगर पालिका के साथ तालमेल कर 25 वार्डों में फागिंग एवं जल भराव वाले स्थानों पर एंटीलार्वा का छिडकाव कराया जा रहा है। जिले में तीन हजार मलेरिया किट उपलब्ध हैं। आवश्यकतानुसार जिले की अन्य स्वास्थ्य इकाईयों को उपलब्ध करा दी गई हैं। जनवरी से अब तक 8186 ब्लड स्लाइड बनाई गई हैं। जिनके टेस्ट में दो केस पॉजिटिव मिले हैं। जिले में एक भी मृत्यु नहीं हुई है। सोर्स रिडेक्शन को 68 ब्रीडिंग स्थलों की जांच की गई। जिनमें पांच घरों में लार्वा ब्रीडिंग पाई गई। 1612 कंटेनरों की जांच में सात कंटेनर पॉजिटिव मिले। सभी स्थानों पर निरोधात्मक कार्यवाही कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि रहस्यमयी बुखार एवं डेगूं से निपटने को जिला अस्पताल के साथ छह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 29 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 134 उपकेन्द्र हेल्थ वेलनेस केन्द्रों को एलर्ट कर दिया गया है। प्रत्येक चिकित्सालय में एपिडेमिक टीम का गठन कर दिया गया है। ओपीडी में संभावित मरीजों की जांच की जा रही है। जिले में डेगूं मरीजों की संख्या शून्य है। एक केस राजापुर में इलाज के बाद चिन्हित किया गया है। जिसे बीएचयू वाराणसी में इलाज के बाद अपने घर में स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। जिले में गठित 60 आरआरटी टीम निगरानी समिति के सहयोग से नियमित सम्भावित काविड लक्षण जैसे मरीजों की पहचान कर दवायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। लक्षणयुक्त मरीजों को 10409 मेडिसिन किट बांटी गई है।
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