आगरा। दरगाह मरकज साबरी कम्पाउन्ड आगरा क्लब आगरा में ऐतिहासिक सूफी संन्त हजरत ख्वाजा शैख सैय्यद फतिहउद्दीन बल्खी अलमारूफ ताराशाह चिश्ती साबरी के पीर-ओ-मुर्शिद हजरत ख्वाजा शैख सैय्यद निजामुद्दीन बल्खी चिश्ती साबरी रह0 अलैह का 468 वॉ तीन दिवसीय जश्न-ए-उर्स का समापन सर्वधर्म सम्मेलन के साथ व बुजुर्गो की समस्त रस्मों रिवाज के साथ एवं शासन/प्रशासन/छावनी परिषद आगरा द्वारा कोविड-19 महामारी के लिए दी गई दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये हुआ।
उर्स के मौके पर दरगाह मरकज साबरी में सुबह तौसा शरीफ पर फातिहा हुई और सभी धर्मो के लोग और सर्वधर्म साबरी एकता संगठन के पदाधिकारी, सज्जादगान, पीरजादगान एवं शिष्यों ने कुल व रंग के साथ मिलकर बारगाह-ए-औलिया में खिराज-ए-अकीदत पेश की। सर्वधर्म सम्मेलन में सभी धर्मो के धर्मगुरू हाफीज इस्लाम, फादर मून लाजरस, महन्त योगेशपुरी जी महाराज, बाबा प्रीतम सिंह जी ने अपने औजस्वी विचार प्रकट किये और सर्वधर्म साबरी एकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीरजादा अलहाज रमजान अली शाह चिश्ती साबरी रह0 अलैह को श्रृद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मशहूर कव्वाल अनवार साबरी व उनके हमनवांओं ने कलाम पेश किये। जानशींन हाजी इमरान अली शाह चिश्ती साबरी रमज़ानवी, जानशींन हाजी कासिम अली शाह चिश्ती साबरी रमज़ानवी, बुन्दू खांन चिश्ती साबरी ने फरमाया कि कुल में हाजिरी देने पर पूरे उर्स का शवाब मिलता है और फरिस्ते कुल में शामिल होकर हाजरीन की दुआयों को रब तक पहुंचाते है और कहते है कि ऐ परबर दीगार जिस तरह ये लोग बुजुर्गाने दीन का उर्स मना रहे हैं और उनकी चौखट को चूम रहे हैं आप उनके वसीले से इन सभी की जायजाना दुआयों को पूरी तरह कुबूल करें।
इस मौके पर वैश्विक महामारी कोरोना के खात्में की दुआ की गई। जश्न-ए-उर्स व सर्वधर्म सम्मेलन के मौके पर अखिल भारतीय सर्वधर्म साबरी एकता संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्यगण सर्वश्री पीरजादा बुन्दु खांन चिश्ती साबरी, डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल, रिजवान रईस उद्दीन (प्रिंस), गुलाम मोहम्मद, मोहम्मद शमीम, परमजीत सिंह बघेल, दिनेश बघेल, मोहम्मद शराफत अली,खाबर हाशमी,अजर उमरी,नाजिम साबरी,हासिम साबरी, आरिफ साबरी, बशीर साबरी, पुरूषोत्तम साबरी, अब्दुल सईद खॉन, तरून साबरी, करून साबरी, राकेश चन्देल साबरी, बन्टी साबरी,डॉ रतन सिंह, छोटू साबरी, जयसिंह साबरी, सलमान साबरी, इमरान साबरी, महेश चन्द्र, नासिर साबरी, आशीष साबरी, इत्यादि मौजूद रहे।