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वर्षों से पड़े कचरे के निस्तारण की तैयारी पूरी, कार्य इसी हफ्ते शुरू

दूसरी ट्रोमल मशीन भी पहुंची माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड

अज़मेर । स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लिगेसी वेस्ट के निस्तारण हेतु रूपए 8 करोड 74 लाख के कार्यादेश जारी किया जा चुका है एवं माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इस कार्य हेतु लगभग सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है। पोकलेन मशीन की मदद से वर्षों से जमीन में दबे कचरे को उथल-पुथल किया जा चुका है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर विन्ड्रो बनाई गई है। जिसमें कचरे को सूखाया गया है और उस पर कल्चर का छिड़काव किया जा चुका है। जिससे कचरे की आद्यतन मात्रा कम हो रही है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर टोमल मशीन स्थापित की जा चुकी है। ट्रोमल मशीन को जमीन समतल कर पीसीसी का कार्य कर लगाया जा चुका है। मशीनों को चलाने हेतु विद्युत संबंध लेने हेतु विद्युत लाइनें लग चुकी हैं। ट्रांसफार्मर आदि साइट पर पहुंच चुके हैं एवं विद्युत सम्बन्ध जारी किया जा चुका है। इसी हफ्ते तक कचरे को अलग – अलग करने का कार्य आरंभ हो सकेगा। ट्रोमल मशीन की मदद से कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। यहां पर 3 लाख 60 हजार टन कचरा साफ करने की क्षमता का प्लांट लगाया गया है। वर्तमान में अजमेर शहर में लगभग 250 टन कचरा प्रतिदिन उत्पन्न हो रहा है। जो कि माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जा रहा है। यह व्यवस्था गत कई वर्षों से जारी है। जिसके चलते वहां 27 एकड़ क्षेत्र में कचरा फैल चुका है। प्लांट के आरंभ होने के बाद शहर को न सिर्फ लिगेसी वेस्ट (पुराना एवं प्रत्यक्त कूड़ा) से निजात मिलेगी वरन अजमेर नगर निगम को बहुमूल्य जमीन भी खाली एवं समतल प्राप्त होगी जिस पर हरियाली आदि लगाकर शहर के वातावरण को शुद्ध हवा प्राप्त होगी।
इस प्रकार होगा कचरे का निस्तारण
माखूपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर टोमल (मशीन) लगाई जा चुकी है। इस मशीन के माध्यम से 25 एमएम से ऊपर के कचरे एवं 25 एमएम से नीचे के कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। 25 एमएम से कम वाले कचरे को पुन: 6 एमएम वाले ट्रोमल में डालकर 6 एमएम से कम का कचरा खाद्य एवं रिफ्लिंग के रूप में काम में लिया जाएगा। 25 एममए से अधिक के कचरे में प्राप्त उपयोगी वस्तु जैसे प्लास्टिक, कागज आदि को उपयोग के अनुसार ठेकेदार द्वारा ही निस्तारित किया जाएगा। शेष रही मिट्‌टी को ट्रेंचिंग ग्राउंड में ही बिछाकर समतल किया जाएगा। इस कार्य पर लगभग 9 करोड़ व्यय होने का अनुमान है। प्लांट में पुराने कूड़े से प्लास्टिक, पॉलीथिन आदि ज्वलनशील पदार्थ को अलग किया जाएगा। इसके अलावा मिट्टी और कंक्रीट को भी अलग-अलग किया जा सकेगा। लिगेसी वेस्ट से निकलने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल ईंधन के रूप में हो सकेगा। इस ईंधन की डिमांड सीमेंट फैक्ट्रियों में रहती है।
वातावरण होगा शुद्ध
माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड में बार बार कचरे में आग लग जाती है और धुआं से आस-पास का वातावरण दूषित होता है। कचरे का समय पर परिशोधन होने से वातावरण शुद्ध होगा और यहां पर बनने वाले वेक्टिरिया भी समाप्त होगा। बरसात के दिनों में कचरे में पानी जाने के कारण भूमिगत जल दूषित होने की संभावना बनी रहती है। उससे भी पूर्ण रूप से मुक्ति मिलेगी। माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इससे न सिर्फ वर्षों से पड़ा कचरा समाप्त होगा वरन एक समतल जमीन भी प्राप्त होगी। जिस पर प्रतिदिन प्राप्त होने वाले कचरे के निस्तारण के लिए प्लांट लगया जा रहा है।
संवाद , मोहम्मद नज़ीर क़ादरी