आगरा। उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में 12 और 13 सितंबर को अखिल भारतीय महापौर परिषद का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में पूरे देश भर से महापौर भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आगरा महापौर नवीन जैन द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। अखिल भारतीय महापौर परिषद की राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन तीन सत्र आयोजित किए गए जिसमें पहला सत्र उद्घाटन सत्र रहा।
उद्घाटन सत्र में महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। उद्बोधन के दौरान नवीन जैन ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर के समस्त नगर निकायों और महापौर से जुड़े उन विषयों को सामने रखा जिन पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन ने अखिल भारतीय महापौर परिषद की वर्षों पुरानी चली आ रही मांग एक देश एक नियमावली के तहत महापौर का चुनाव, 74वां संशोधन लागू कराना जैसे विषयों को भी सामने रखा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन ने कहा कि अखिल भारतीय महापौर परिषद शहर में नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं देने, नगर निकाय व्यवस्था में बदलाव और महापौरों के हितों की रक्षा के लिए प्रयास करती रही है जिसके लिए प्रतिवर्ष यह राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 साल यह सम्मेलन नहीं हो सका लेकिन इस दौरान भी उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने जिस सक्रियता और गंभीरता के साथ यूपी के सभी महापौर और नगर आयुक्त से जुड़े रहे, उनसे शहर की हालातों को लेकर चर्चा की, उसके लिए मैं नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जैन ने कहा कि महापौर परिषद का आज भी यह प्रयास है कि एक देश, एक विधान, एक नियमावली के तहत महापौर का चुनाव भी पूरे देश में समान रूप से होना चाहिए। महापौर के अधिकार बढ़ने चाहिए। इसके अलावा जिस तरह से देश के कई राज्यों में 74वां संशोधन लागू किया गया है उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी 74वां संशोधन लागू किया जाए। नवीन जैन ने कहा कि यह महापौर परिषद के ही प्रयासों का परिणाम है कि जहां पहले महापौर के अधिकारों पर लगातार कटौती हो रही थी, उसमें कमी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आशीर्वाद एवं महापौर परिषद के प्रयासों से बीते 2 – 3 सालों में महापौरों के कुछ अधिकार बढ़े हैं। वही जम्मू राज्य में जहां महापौर का कार्यकाल पहले 1 साल हुआ करता था, वहां महापौर का कार्यकाल बढ़कर 5 साल का हो गया है। लेकिन अभी भी हमें और भी कई विषयों पर आगे बढ़ना है और उन प्रयासों को पूरा करना है।
वहीं नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने अयोध्या में इस बैठक को रखने के लिए महापौर परिषद को साधुवाद दिया और कहा कि हर काम में स्थान का एक विशेष प्रभाव होता है। महापौर व जनप्रतिनिधियों के सामने नागरिक जनसुविधाओं की बड़ी चुनौतियां होती है जबकि सरकार और निकायों के पास कम संसाधनों के कारण सबकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना बड़ी चुनौती है। श्री टंडन ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सीमित संसाधनों के बावजूद नगरीय क्षेत्रो में अमूल चूल परिवर्तन हुए है। वहीं महापौर परिषद द्वारा रखे गए विषय और उनकी मांग को लेकर आश्वासन दिया कि महापौर के अधिकारों व उनके हितों की रक्षा के लिए वे भी अपने स्तर पर प्रयास करेंगे।
इसके बाद सम्मेलन के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय महापौर परिषद की कार्यसमिति की बैठक आयोजित हुई जिसमें महापौर परिषद से जुड़े पदाधिकारियों ने भाग लिया और कई बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा करने के साथ ही वर्तमान समस्याओं का समाधान निकाला गया। महापौर परिषद की आगामी कार्य योजनाओं पर भी चर्चा की गई। तीसरा सत्र में सभी महापौर प्रभु श्री राम लला के जन्मस्थान, हनुमान गढ़ी एवं कनक भवन के दर्शन और आरती पूजन करेंगे।
महापौर परिषद की बैठक में संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व महापौर भोपाल एवं पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश सरकार उमेश गौतम, सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, मनोज गुप्ता आदि मौजूद रहे। आचार्य बद्री विशाल तिवारी एवं उनके पांच प्रमुख सहयोगियों द्वारा मंत्रोच्चार किया जाता रहा। मुख्य अतिथि सहित मंचासीन अतिथियों को तुलसी का पौधा बैठकर अयोध्या मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने स्वागत किया। महापौर सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, राजस्थान, केरल, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु एवं उड़ीसा के महापौर शामिल हुए हैं।