रायबरेली (DVNA)। एक तरफ जहां देश की मोदी सरकार व प्रदेश की योगी सरकार गरीब पात्र गरीबों को आवास मुहैया कराने के दावे तो बड़े बड़े करती है।
लेकिन धरातल पर अगर देखा जाए तो हकीकत ठीक इसके विपरीत है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों खाऊ कमाऊ नीति से शासनादेश की खुलेआम धज्जियां उड़ा कर रेवडिय़ो की तरह अपात्रों को आवास आवंटन किया गया। तो वहीं पात्र गरीब जरूरतमंदों को आवास प्लस की सूची में नाम होने के बावजूद भी आज तक छत नसीब होते नही दिखायी दे रहा है।जहाँ अपात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लगातार लाभ मिल रहा है वहीं लगातार शिकायत के बावजूद भी पात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए दर दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है ।
जानकारी के मुताबिक जहां एक ही व्यक्ति को दो दो बार आवास का लाभ मिल चुका है। वहीं ग्राम विकास अधिकारी आशीष कुमार द्वारा धन के लालच में तीसरी बार भी दिया गया। वहीं जो पात्र व्यक्ति है उनको आज तक आवास,शौचालय समेत सभी तरह के सरकारी लाभ से वंचित किया जा रहा है।अफसोस इस बात का है कि इन गरीबों द्वारा अगर शिकायत भी की जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा झूठी रिपोर्ट लगाकर उच्चाधिकारियों गुमराह कर दिया जाता है।
बताते चले कि डीह क्षेत्र विकास खण्ड क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामपंचायत रोखा व रायपुरटोड़ी में रहने वाले दर्जनों गरीब पात्र व्यक्तियों को आज तक पीएम आवास शौचालय योजना जैसे सरकारी लाभ नसीब नही हो सका। इनका परिवार आज भी छप्परों व टीनसेडो के नीचे रहकर जान जोखिम में डालकर अपना जीवन यापन करने को विवश है।
कुछ परिवारों के पास कच्चा घर है भी तो वह जर्जर अवस्था मे कब गिर जाए भगवान भरोसे जिससे पात्र गरीब अपना व परिवार का जीवन खतरे में डालकर रहे है।वहीं ग्राम पंचायत रायपुरटोड़ी निवासी प्रमोद अवस्थी, रामप्रसाद वर्मा,विजय कुमार,अर्जुन वर्मा,रामप्रसाद, चंदन आदि ग्रामीणों का कहना है कि आवास व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के लाभ दिलाये जाने को लेकर दर्जनों बार ब्लॉक से लेकर जिले स्तर तक शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही नही हो रही है।
इस बाबत जब खण्ड विकास अधिकारी डीह जितेंद्र प्रताप सिंह से बात करने पर वही रटा रटाया बयान देते हुये बताया कि मामला जानकारी में नही है। अगर ऐसा है तो जांच कर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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