प्रयागराज-DVNA। महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम रविवार दोपहर बाघम्बरी गद्दी मठ पहुंची। जिस कमरे में महंत का शव मिला था, वहां क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया गया। इस दौरान मीडिया पर पूरी तरह से पाबन्दी थी। सीबीआई टीम के अतिरिक्त वहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस का पहरा लगा हुआ था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेन्द्र गिरी का शव बीती सोमवार की शाम बाघम्बरी गद्दी मठ के अन्दर आगन्तुक कक्ष में मिला था। मौके पर आईजी केपी सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है लेकिन अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी एवं सन्त समाज और श्रद्धालुओं को यह विश्वास नहीं हुआ तो सवाल खड़ा करने लगे।
सवाल उठते देख प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दूसरे दिन वहां पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर का दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है। इसके बाद महंत के कथित सुसाइड नोट को सन्त समाज ने एक तरफ से ख़ारिज कर दिया। सपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी न्यायिक जांच कराने की बात उठाई। योगी आदित्यनाथ ने उनकी मौत की जांच सीबीआई से कराये जाने की संस्तुति कर दी। इसके बाद सीबीआई ने पुलिस के दर्ज केस को आधार बनाते हुए जांच शुरू कर दी।
सीबीआई टीम यहां पहुंची और एक दिन पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं महंत की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के बाद घटनास्थल का भी निरीक्षण किया। वहां मौजूद महंत के शिष्यों से पूछताछ की।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय महन्त नरेन्द्र गिरी की मौत मामले में रविवार दोपहर सीबीआई की टीम स्थानीय फॉरेंसिक टीम के साथ बाघम्बरी मठ पहुंची। सबसे पहले टीम महंत का शव जिस कमरे में मिला था वहां दाखिल हुई। टीम ने कमरे के अन्दर क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया। इस दौरान वहां मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा था लेकिन पूरे मामले को गोपनीय रखने के लिए कड़ी सुरक्षा के साथ बैरीकेटिंग की गई थी। मठ के अन्दर जाने की अनुमति नहीं थी। सीबीआई टीम ने क्राइम सीन के जरिये सभी पहलुओं पर जांच की है। खबर लिखे जाने तक टीम अपने कार्य में लगी हुई थी।
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