रायबरेली (DVNA)। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द् लालगंज मे मंगलवार को उस समय भारी लापरवाही का मामला सामने आया,जब लाखों रूपये की दवायें आग के हवाले करने का मामला जग जाहिर हो गया।एसडीएम विजय कुमार की तत्परता से लाखों रूपयो की दवायें बचायी जा सकी है। अस्पताल परिसर मे धुंआ उठते देख मामले की जानकारी लोगों ने डीएम को दी।डीएम ने मामले का संज्ञान लेकर एसडीएम को मौके पर भेजा।एसडीएम को मौके पर जलती हुयी दवाइयों का जखीरा मिला।एसडीएम ने अपने मातहत कर्मचारियों से आग को बुझाने का प्रयास किया।उसके बाद नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी बुलाये गये।
एसडीएम के निर्देश पर किसी तरह दवाइयों को आग से बचाया गया।आग से जो दवाई बचायी उनमे एस्प्रेन गैस्टो,ओन्डेस्ट्रान,डाइल कार्बाजाइन,सिप्रो फ्लोक्सासीन,किट्टू आदि दवाइयां शामिल है।एसडीएम ने बताया कि उनकी तत्परता से लाखों की दवाई बचायी गयी है,जो जनहित मे काम आयेंगी।जिन दवाइयों को जलाया जा रहा था वे दवायें अभी एक्सपायर नही हुयी थी।यह आग मे दवा जलाने का मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक राजीव गौतम और चीफ फार्मासिस्ट रामलखन पटेल के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है।अधिकांश दवायें 2022 तक काम लायक थी।
एसडीएम ने दवाओं को आग मे जलाने को सरासर सरकारी धन का दुरूपयोग भी बताया। वहीं अधीक्षक राजीव गौतम ने बताया कि एमडी के सम्भावित विजिट को लेकर साफ सफाई की जा रही थी। दवायें कैसे आग के हवाले की गयी मेरे संज्ञान मे नही है।वहीं राम लखन पटेल ने बताया कि कुछ औषधियां रखी थी।लेबर साफ सफाई कर रहे थे उन्ही के द्वारा आग मे डाला गया है।
मामले की जांच सीएमओ ने भी अस्पताल पहुंचकर की है।वास्तव मे लालगंज के सरकारी डाक्टर कमीसन खोरी के चक्कर मे अधिकांस मरीजो को बाहर की दवाई लिखते है,जिससे सरकारी अस्पताल की दवायें बच जाती है और अस्पताल का महकमा कागज पर दवाई खारिज करके आग के हवाले करके नष्ट कर देते हैै।वो तो कहिये मामला खुल गया अन्यथा दवायें तो जला ही दी गयी थी।जलने के बाद कहां कौन जांच करता है। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष संतोष सिंह ने मामले मे दोषी चिकित्सा अधीक्षक राजीव गौतम और राम लखन पटेल को बर्खास्त किये जाने की मांग की है।
डॉ वीरेंद्र सिंह सीएमओ,रायबरेली
मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा,उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
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