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152वीं जयंती पर महात्मा गांधी को जामिया में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली,जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जामिइ) ने महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर आज अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया। जामिया के कुलसचिव डॉ नाजिम हुसैन जाफरी ने विश्वविद्यालय के डॉ जाकिर हुसैन पुस्तकालय के प्रदर्शनी हॉल में ‘महात्मा गांधी: जीवन और समय’ थीम पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उनके जीवन एवं समय के बारे में और अधिक जागरूकता एवं जानकारी प्रदान करने के लिए पुस्तकालय में संरक्षित की गईं महात्मा गांधी की दुर्लभ तस्वीरें, व्यक्तिगत पत्र, कागजात, किताबें और अन्य अभिलेखीय सामग्री प्रदर्शनी में रखी गईं है। प्रदर्शनी 9 अक्टूबर 2021 तक जारी रहेगी।
प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा विभाग (डीएसीईई), जामिया के छात्रों और शोधार्थियों ने राष्ट्रपिता के जीवन के प्रेरक किस्से सुनाकर ‘गांधी जयंती’ मनाई। इन ऑनलाइन सुनाए गए उपाख्यानों में- गांधीजी की जीवन यात्रा, सत्य के साथ उनके प्रयोग और इस पर प्रकाश डाला गया कि कमजोर लेकिन लम्बे कद का व्यक्ति कैसे दुनिया को दिखाने में कामयाब रहा कि ‘एक सौम्य तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं’।
डीएसीईई, जामिया ने प्रो. सबिहा अंजुम जैदी, निदेशक, प्रेमचंद अभिलेखागार और साहित्यिक केंद्र, जामिया द्वारा ‘गांधी के जामिया’ विषय पर एक वार्ता का भी आयोजन किया; क्योंकि गांधीजी का जामिया से गहरा जुड़ाव था और वह जामिया को बहुत प्यार करते थे।
प्रो. जैदी ने बताया कि कैसे ब्रिटिश राज के खिलाफ गांधी के असहयोग के आह्वान के जवाब में जामिया का गठन किया गया था। मुस्लिम राष्ट्रवादी नेताओं ने नेतृत्व किया और 29 अक्टूबर, 1920 को अलीगढ़, यूपी में जामिया की स्थापना की गई। उन्होंने आगे कहा कि जब जामिया एक गंभीर वित्तीय संकट से गुज़रा और जनवरी 1925 में इसे बंद करने की बात चल रही थी, तो गांधी ने अपने जवाब में कहा कि वह जामिया की खातिर धन जुटाने के लिए भीख माँगने को तैयार हैं। गांधी जामिया के आजीवन मित्र रहे और जामिया हमेशा उनके आदर्शों और मूल्यों पर चलता रहा है।
गांधी जयंती के उपलक्ष्य में जामिया स्कूलों ने भी आज कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। ‘गांधीजी और जामिया’- जामिया मिडिल स्कूल के छात्रों द्वारा उर्दू में भाषण; अंग्रेजी में भाषण ‘लेटर टू बापू’ आज गांधी की प्रासंगिकता को संबोधित करने के लिए- हिंदी कविता पाठ ‘बापू के प्रति’ ‘खादी के प्रचार में गांधीजी का योगदान’- स्लाइड के माध्यम से प्रस्तुति; जामिया मिडिल स्कूल के छात्रों द्वारा उर्दू नज़्म ‘गांधीजी’ का पाठ, ‘गांधीजी के तीन बंदर’- माध्यमिक विद्यालय के 5 छात्रों द्वारा प्रदर्शन; छात्रों द्वारा भजन गायन; एक छात्र द्वारा अंग्रेजी में रचित कविता का पाठ; गांधीजी पर गीत ‘दे दी हमें आजादी..’ जैसी छात्रों की कुछ प्रस्तुतियां थीं। डीन छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो. मेहताब आलम ने छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
महात्मा गांधी की प्रासंगिकता और वर्तमान संदर्भ में उनकी विचारधारा के बारे में नर्सरी और केजी कक्षा के छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए मुशीर फातमा नर्सरी स्कूल, जामिया के नन्हे-मुन्नों द्वारा विभिन्न ऑनलाइन गतिविधियां आयोजित की गईं।
संवाद , सादिक़ जलाल