राजनीति

जननेता डॉ अखिलेश दास से अंकित का नाम जोड़ना दुःखद ,

लखनऊ, जावेद अहमद खान प्रवक्ता यूपीसीसी ने कहा कि लखीमपुर की दुःखद घटना में लखनऊ निवासी युवा कारोबारी की कथित उपस्थिति को लेकर उनके चाचा पूर्व मंत्री डॉ अखिलेश दास गुप्ता व काँग्रेस का नाम महज उस युवक की पहचान के लिए लिया जाना नितांत एक ओछा षड्यंत्र है। इसमें संकुचित मानसिकता के साथ डॉ दास व कांग्रेस को बदनाम करने के षड्यंत्र की सीधे बू आ रही है। जिस युवा कारोबारी अंकित का नाम काँग्रेस जनप्रिय नेता समाज सेवक, शिक्षाविदपूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अखिलेश दास जी से जोड़ने की कवायद कर छवि को कलंकित करने के लिये किया जाना दुःखद है। काँग्रेस के करोड़ो कार्यकर्ता, समर्थक व डॉ दास के लाखों प्रशंसक आहत है। अंकित का सच सभी को स्पष्ट है कि वह भारतीय जनता पार्टी सक्रिय सदस्य है।
अंकित का काँग्रेस से कोई सम्बन्ध नही है, न कभी रहा है व डॉ अखिलेश दास जी कांग्रेस परिवार से जुड़े थ,े इसलिए बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया जो मॉफी के लायक नही है। अंकित, डॉ दास के परिवार के संग नहीं रहते बल्कि उनका आवास और परिवार अलग रहता है। डॉ अखिलेश दास लखनऊ सहित पूरे देश के लाखां लोगों के प्रिय रहे है, आज भी उनके प्रशंसको की लाखां में संख्या है, जो उनके परिजनों से जुड़ी हुई है, यही नही समाज के लिये उनका परिवार आज भी जनसरोकार से जुड़कर डॉ दास की संकल्पना स्वप्नों को पूरा करने में जुटा है, डॉ दास व उनका परिवार बेदाग छवि का है, उन पर कभी कोई आरोप नही लगा, उनके प्रति आदर का भाव जैसे कल था वैसा ही आज भी है। डॉ दास के परिजनों व उनके प्रशंसको को लखीमपुर घटनाक्रम में उनके नाम को जोड़ने से भावनाएं आहत हुई है, यह एक शरारत है जिसे डॉ अखिलेश दास गुप्ता जी के साथ जोड़ा गया है, अगर कोई व्यक्ति (अंकित अग्रवाल) लखीमपुर में रहकर ठेकेदारी या अन्य व्यवसाय कर रहे थे। लखीमपुर की घटना पर दुख व्यक्त करते है ईश्वर सभी निर्दोष मृत व्यक्तियों की आत्मा को शांति प्रदान करने के साथ परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दें।
काँग्रेस कारीकर्ताओ व डॉ दास के प्रशंसकां ने षड्यंत्रकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि घृणित व संकुचित मानसिकता बदनाम करने की असफल कोशिशें मत करें अन्यथा उन्हें मॉफ नही किया जाएगा।